लोक जनशक्ति पार्टी में मची भगदड़ थमने का नाम नहीं ले रही है। जनवरी में पार्टी के 27 नेताओं के एनडीए को अपना समर्थन देने के बाद अब एक बार फिर पार्टी को जोर का झटका लगने जा रहा है। पार्टी के लगभग 60 नेता-कार्यकर्ताओं ने 18 जनवरी को जनता दल यूनाइटेड में शामिल होने का ऐलान किया है। इसके साथ ही इन बागी नेताओं ने कहा है कि वे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के खिलाफ धोखाधड़ी करने का केस भी दर्ज कराएंगे।
बागियों की बैठक
लोजपा के बागी नेता केशव सिंह के आवास पर इस संबंध में दीनानाथ क्रांति की अध्यक्षता में बागियों की बैठक हुई। इस बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा हुई। बैठक में जेडीयू में शामिल होकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथ को मजबूत करने का निर्णय लिया गया।
समारोह में ये रहेंगे मौजूद
केशव सिंह ने बताया कि ये नेता 18 फरवरी को जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे। इस समारोह में ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव, जल संसाधन मंत्री संजय झा, शिक्षा मंत्री विजय चौधरी, ग्रामीण मंत्री श्रवण कुमार, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी और पूर्व मंत्री महेश्वर हजारी के साथ ही पार्टी के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह भी मौजूद रहेंगे।
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मुकदमा करने का ऐलान
बैठक में बागी नेताओं ने चिराग पासवान के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा करने का भी ऐलान किया। उनका आरोप है कि चिराग ने झूठ का सहारा लेकर 94 विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं को धोखा दिया है। उनका कहना है कि फरवरी 2019 में 25 हजार सदस्य बनाने वालों को ही विधानसभा का टिकट देने की घोषणा की गई थी, लेकिन बड़ी राशि वसूलने के बाद भी उन्हें टिकट नहीं दिया गया। पैसे लेकर ऐसे लोगों को टिकट दिए गए, जिन्होंने न तो पार्टी के लिए कोई काम किया और न ही पार्टी के लिए सदस्यता अभियान चलाया। बागी नेता केशव सिंह, रामनाथ रमण, कौशल किशोर सिंह और दीनानाथ क्रांति भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 406 व 409 के तहत चिराग पावान पर अलग-अलग मुकदमा दाखिल करेंगे।
चुनाव में हार के बाद मची है भगदड़
बता दें कि विधानभा चुनाव में करारी हार के बाद लोजपा में भगदड़ मची है। कई नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। जनवरी में पार्टी सुप्रीमो चिराग पासवान के खिलाफ 27 नेताओं ने बगावत कर दी थी। उनका नेतृत्व पार्टी से निष्कासित बागी नेता केशव सिंह ने की थी।
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पार्टी से निष्कासित कर दिए गए थे केशव सिंह
इससे पहले लोजपा ने केशव सिंह को पार्टी से निकाल दिया था। उन पर आरोप लगाया गया था कि वे पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। उस समय पार्टी के बागियों ने आरोप लगाया था कि चिराग पासवान ने प्रशांत किशोर से मिलकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हराने की साजिश रची थी। इसके साथ ही बागियों ने चिराग को अपनी ही पार्टी को खत्म करनेवाला भस्मासुर बताया था।