Parliament Security Breach: सुरक्षा में चूक को लेकर UAPA के तहत मामला दर्ज, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल करेगी जांच

बुधवार को लोकसभा की दर्शक दीर्घा से दो व्यक्तियों के कूदने के बाद संसद परिसर में दर्शकों के लिए प्रवेश बंद कर दिया गया है।

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दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की स्पेशल सेल (Special Sale) ने संसद भवन (Parliament House) की सुरक्षा में चूक के मामले में यूएपीए धारा (UAPA Section) के तहत मामला दर्ज किया है। इस मामले में कुल छह आरोपी हैं। पांच लोगों की पहचान कर ली गई है। चार को हिरासत में लिया गया है। बाकी दो की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।

बुधवार (13 दिसंबर) को जब लोकसभा का सत्र चल रहा था, तभी दो युवक अचानक दर्शक दीर्घा से सदन के फर्श पर कूद पड़े और पीला धुआं छोड़ दिया। संसद पर आतंकी हमले की 22वीं बरसी पर नए संसद भवन में इस घटना से हड़कंप मच गया। इस बीच एक महिला समेत दो लोगों ने संसद के बाहर धुआं फैलाकर हंगामा किया। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है। लोकसभा में विपक्ष ने इस मामले पर गंभीर चिंता व्यक्त की, जिसके बाद लोकसभा अध्यक्ष को घटना की समीक्षा करनी पड़ी और सुरक्षा के कड़े कदम उठाने पड़े।

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दोनों को संसद भवन के बाहर गिरफ्तार किया गया
दूसरी ओर, लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दो व्यक्तियों के सदन में कूदने की घटना के तुरंत बाद, दो व्यक्तियों ने धुएं के कनस्तरों से पीला और लाल धुआं छोड़ा और संसद भवन के स्वागत कक्ष के बाहर प्रवेश चौक पर नारे लगाए। इनके नाम नीलम और अनमोल शिंदे हैं। इन दोनों को दिल्ली पुलिस ने तुरंत गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि संसद भवन के बाहर से गिरफ्तार किए गए दोनों लोगों की पहचान 42 वर्षीय नीलम और 25 वर्षीय अमोल शिंदे के रूप में की गई है। नीलम हरियाणा के हिसार की रहने वाली हैं जबकि शिंदे महाराष्ट्र के लातूर के रहने वाले हैं।

अधिकारियों ने बताया कि संसद भवन के बाहर धुआं उड़ाने के बाद दोनों ने ‘तानाशाही नहीं चलेगी’, ‘भारत माता की जय’ और ‘जय भीम, जय भारत’ जैसे नारे लगाए। अधिकारियों ने बताया कि इन दोनों घटनाओं की जांच दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल करेगी।

संसद भवन परिसर में दर्शकों का प्रवेश बंद
बुधवार को लोकसभा की दर्शक दीर्घा से दो व्यक्तियों के कूदने के बाद संसद परिसर में दर्शकों के लिए प्रवेश बंद कर दिया गया है।

क्या है UAPA एक्ट?
यूएपीए की धारा 15 आतंकवादी गतिविधियों को परिभाषित करती है। अधिनियम में न्यूनतम 5 वर्ष की सजा और अधिकतम आजीवन कारावास का प्रावधान है। अगर किसी आतंकवादी घटना में किसी की जान चली जाती है तो दोषी को मौत या आजीवन कारावास की सजा दी जाती है। कोई भी व्यक्ति जो आतंक फैलाने के इरादे से देश की अखंडता, एकता, सुरक्षा और संप्रभुता को कमजोर करने की कोशिश करेगा या देश के बाहर भारतीयों के साथ आतंकवादी गतिविधियां शुरू करने की कोशिश करेगा, वह यूएपीए कानून के दायरे में आएगा।

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