Ram Mandir Pran Pratishtha: बॉम्बे हाई कोर्ट ने खारिज की छात्रों की याचिका, जानिए न्यायालय ने क्या कहा?

बॉम्बे हाई कोर्ट ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर महाराष्ट्र सरकार द्वारा घोषित छुट्टी को चुनौती देने वाले चार कानून छात्रों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की।

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बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने शनिवार (20 जनवरी) को चार कानून छात्रों (Law Students) द्वारा दायर एक जनहित याचिका (PIL) को रविवार (21 जनवरी) खारिज (Dismissed) कर दिया, जिसमें अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) के प्राण प्रतिष्ठा (Pran Pratishtha) दिवस पर 22 जनवरी को छुट्टी घोषित करने के महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) के फैसले को चुनौती दी गई थी।

न्यायालय की भूमिका
रविवार को हुई एक विशेष बैठक में जस्टिस जी.एस. कुलकर्णी और जस्टिस नीला गोखले की पीठ ने कहा कि जनहित याचिका एक प्रचार-उन्मुख याचिका है और छुट्टी घोषित करने का निर्णय कार्यकारी निर्णय के दायरे में आता है। इसके अलावा, अदालतों ने बार-बार माना है कि राज्य द्वारा शक्ति का ऐसा प्रयोग मनमाना नहीं है बल्कि धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के अनुरूप है।

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“छुट्टियों को नीति के मामले के रूप में घोषित किया गया है, अलग-अलग धर्म मनमाने ढंग से नहीं हो सकते हैं, लेकिन धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों के अनुरूप, विभिन्न अदालतों ने लगातार माना है। पीठ ने कहा, “याचिकाकर्ता मनमानी का मामला बनाने में विफल रहे हैं।”

कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को फटकार लगाई
सर्वोच्च न्यायालय की विवेकशीलता पर सवाल उठाने पर कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को फटकार लगाई। पीठ ने कहा, यह एक राजनीति से प्रेरित याचिका भी प्रतीत होती है और याचिका का लहजा और खुली अदालत में दी गई दलीलें प्रचार स्टंट और दिखावा दिखाती हैं।

याचिका बाहरी कारणों से दायर की गई थी
“हमें यह विश्वास करना मुश्किल लगता है कि कानून के जिन छात्रों ने अभी तक इस पेशे में प्रवेश नहीं किया है, उन्होंने ऐसे आरोप लगाए हैं जैसा कि याचिका में उल्लेखित है। हमें इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह जनहित याचिका अनावश्यक कारणों से दायर की गई है। “अदालत ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता केंद्र सरकार की 1968 की अधिसूचना को चुनौती दे रहे थे, जो राज्यों को ऐसी छुट्टियां घोषित करने का अधिकार देती है, लेकिन यह अधिसूचना याचिका के साथ संलग्न नहीं थी।” इसी अधिसूचना के जरिए सरकार ने 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा दिवस के मौके पर महाराष्ट्र में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है।

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