बीरभूम हिंसा : एक्शन में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, पुलिस से मांगी रिपोर्ट

23 मार्च को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से बीरभूम जिले के पुलिस अधीक्षक नगेंद्र नाथ त्रिपाठी को एक पत्र भेजा गया है।

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पश्चिम बंगाल से बीरभूम के अग्निकांड पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बीरभूम जिले के पुलिस अधीक्षक से तीन दिन में पूरी रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

23 मार्च को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से बीरभूम जिले के पुलिस अधीक्षक नगेंद्र नाथ त्रिपाठी को एक पत्र भेजा गया है। इस पत्र में आयोग ने बीरभूम जिले के रामपुरहाट ब्लॉक के बगटुई गांव में अग्निकांड की घटना में 10 लोगों की मौत की जांच कर तीन दिन के भीतर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का अनुरोध किया।

बीरभूम अग्निकांड
पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला अंतर्गत रामपुरहाट ब्लॉक के बगटुई गांव में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के उप प्रधान भादू शेख की 21 मार्च की रात बम मारकर हत्या करने की घटना के बाद हिंसा भड़क गई। आरोप है कि बदला लेने के लिए शेख के समर्थकों ने गांव में कम से कम 10 से 12 घरों में आग लगा दी, जिसमें 10 लोगों की मौत के दावे किए जा रहे हैं। मरने वालों में दो बच्चे भी हैं।

पुलिस महानिदेशक का दावा
पुलिस महानिदेशक मनोज मालवीय ने बताया कि केवल आठ लोगों की मौत हुई है। इनमें से सात लोगों के शव एक ही घर से बरामद किए गए हैं और एक व्यक्ति की मौत उपचार के दौरान अस्पताल में हुई है। उन्होंने बताया कि आगजनी की घटना में 11 लोगों की गिरफ्तारी हुई है, जबकि शेख की हत्या के सम्बंध में हमलावरों की तलाश तेज कर दी गई है।

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