जमानत मिलने पर भी जेल में भी रहेगा जुबैर! कैसे? जानिये, इस खबर में

सत्र न्यायालय के एडिशनल सेशंस जज देवेंद्र कुमार जांगला ने जुबैर को 50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।

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दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट के सत्र न्यायालय ने 15 जुलाई को फैक्ट चेक से जुड़ी वेबसाइट आल्ट न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर को दिल्ली में दर्ज एफआईआर के मामले में जमानत दे दी।

एडिशनल सेशंस जज देवेंद्र कुमार जांगला ने 50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। हालांकि जुबैर यूपी में दर्ज एफआईआर के मामले में अभी जेल में ही रहेंगे। कोर्ट ने जुबैर को उसकी अनुमति के बिना देश छोड़कर जाने पर रोक लगा दी है।

वकील वृंदा ग्रोवर ने दी दलील
कोर्ट ने 14 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान जुबैर की ओर से पेश वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा था कि जुबैर के जिस ट्वीट को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है, वो 1983 में बनी फिल्म ‘किसी से ना कहना’ से ली गई है। दो जुलाई को दिल्ली में दर्ज एफआईआर के मामले में पटियाला हाउस कोर्ट के चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट स्निग्धा सरवरिया ने जुबैर की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। जुबैर को 27 जून को गिरफ्तार किया गया था। जुबैर पर धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप है। धार्मिक भावनाएं भड़काने के अलावा दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जुबैर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 201 और एफसीआरए की धारा 35 की धाराओं को भी जोड़ा है।

यूपी में भी दर्ज है मामला
जुबैर के खिलाफ यूपी के सीतापुर में भी एफआईआर दर्ज की गई है। ये एफआईआर तीन संतों को हेटमोंगर बताकर ट्वीट करने के मामले में दर्ज की गई हैं। सीतापुर में दर्ज एफआईआर के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को जुबैर को अगले आदेश तक के लिए अंतरिम जमानत दी थी। सीतापुर की एफआईआर समेत यूपी में जुबैर के खिलाफ छह एफआईआर दर्ज की गई हैं।

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