मुंबई मेट्रो में लौटेगी रफ्तार, युति सरकार ने की उस अधिकारी की वापसी

मुंबई में मेट्रो का कार्य लंबे काल से चल रहा है। इस कार्य को अब तीव्र गति मिल सकती है। जिससे मुंबई वासियों को आवाजाही में आराम मिलेगा।

131

मेट्रो के प्रलंबित काम को गति देने का वचन युति सरकार ने आते ही दिया है। अब इस पर बड़ा कदम सरकार ने उठाया है। युति सरकार के इसके पहले के कार्यकाल में मेट्रो परियोजना को तेज गति देनेवाली अधिकारी अश्विनी भिड़े की वापसी हुई है। वर्तमान सरकार द्वारा लिये गए इस निर्णय से मेट्रो के संचालन में आ रहे गतिरोधों को दूर करने में सहायता मिलेगी।

आरे कॉलोनी में मेट्रो कारशेड का विरोध फिर शुरू हो गया है। इसकी पहले की सरकार ने इसे रद्द कर दिया था और कांजुरमार्ग में कारशेड निर्माण की योजना बनाई थी। जिसके कारण पूरी परियोजना पर ही ब्रेक लग गया। अब इस परियोजना को पंख लग सकते हैं। एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली सरकार मेट्रो परियोजना के तीव्र गति से पूरा करने का वचन दे चुकी है। इसके अंतर्गत ही आईएएस अधिकारी अश्विनी भिड़े को मुंबई महानगर पालिका की अतिरिक्त आयुक्त के साथ मेट्रो की जिम्मेदारी भी दी गई है।

बुरे लगे वह ट्वीट
इसके पहले के कार्यकाल में अश्विनी भिड़े द्वारा, आरे में वृक्षों की कटाई पर न्यायालय में विरोधियों को मिली हार पर, किया गया ट्वीट चर्चित हुआ था। उस समय भी आरे कारशेड के विरोध में शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे सड़कों पर उतरे थे। जब न्यायालय से आरे मेट्रो कारशेड के प्रकरण में विरोधियों को हार मिली तो अश्विनी भिड़े ने एक ट्वीट किया था।

माननीय बॉम्बे हाईकोर्ट ने सभी याचिकाएं एक सिरे से खारिज कर दीं। लेकिन कुछ लोग अपने आपको न्यायालय से भी बड़ा मानते हैं। उनके खुद के कदम अवैध हैं। यदि आप न्यायालय में हार जाते हैं तो अच्छा होता कि आप उसे ससम्मान स्वीकार कर लें, बजाय इसके कि उसे सड़कों पर ले जाएं।

ये भी पढ़ें – देवघरः प्रधानमंत्री ने दिया 16,800 करोड़ का उपहार, इन परियोजनाओं का किया लोकार्पण

न्यायालय से मिली हार और अश्विनी भिड़े के ट्वीट के बाद मेट्रो के विरोधियों ने आंदोलन को तेज कर दिया। जब 2019 में चुनाव हुए और नई सरकार शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के महाविकास आघाड़ी की आई तो सबसे पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आरे में मेट्रो कारशेड की परियोजना को रद्द किया। इसके स्थान पर आघाड़ी सरकार ने कारशेड को कांजुरमार्ग में स्थानांतरित करने का निर्णय किया। परंतु, उसमें लगभग 10 हजार करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि और भूखंड विवाद ने पूरी परियोजना के ठंडे बस्ते में डाल दिया है। अब युति सरकार की वापसी और मेट्रो के संचालक पद पर अश्विनी भिड़े की वापसी के बाद मेट्रो परियोजना को नई गति मिलने की संभावना है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.