शिवसेना प्रमुख राष्ट्रीय स्मारक का 10 प्रतिशत काम पूरा! जानिये, कब तक निर्माण कार्य पूरा करने का है लक्ष्य

दादर के शिवाजी पार्क में पुराने महापौर बंगले में बालासाहब ठाकरे का राष्ट्रीय स्मारक बनाया जा रहा है। एमएमआरडीए ने इसकी अनुमानित लागत 400 करोड़ रुपए आंकी है।

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मुंबई के दादर स्थित शिवाजी पार्क के पास पुराने महापौर बंगले की जगह पर शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे के राष्ट्रीय स्मारक के पहले चरण में तकनीकी दिक्कतों के कारण देरी हो रही है। इस कारण पहले चरण में अब तक स्मारक का10 प्रतिशत काम पूरा हुआ है। मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण यानी एमएमआरडीए ने बाकी काम को अप्रैल 2022 तक पूरा करने की योजना बनाई है। इसके बाद ही दूसरा चरण शुरू किया जा सकेगा।

दो चरणों में पूरा किया जाएगा निर्माण कार्य
दादर के शिवाजी पार्क में पुराने महापौर बंगले में बालासाहब ठाकरे का राष्ट्रीय स्मारक बनाया जा रहा है। एमएमआरडीए ने इसकी अनुमानित लागत 400 करोड़ रुपए आंकी है। 21 मार्च 2021 को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के हाथों इस स्मारक का भूमि पूजन किया गया। इसके बाद स्मारक के पहले चरण का काम शुरू हुआ। स्मारक का काम दो चरणों में पूरा करने की योजना है। पहले चरण में 250 करोड़ रुपए खर्च होने की उम्मीद है। इस चरण में आर्किटेक्चर, इलेक्ट्रिकल, एयर कंडीशनिंग, भवन की आंतरिक और बाहरी सजावट, पार्किंग स्थल, उद्यान, वर्षा जल संचयन आदि का निर्माण शामिल है।

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आदित्य ठाकरे की समीक्षा
प्रदेश के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने 18 अक्टूबर को यहां चल रहे काम की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने काम में तेजी लाकर स्मारक का काम तय समय में पूरा करने के निर्देश दिए हैं। पहले चरण का अब तक करीब 10 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। यह स्मारक समुद्र तट के किनारे बनाया जा रहा है। इसलिए आधुनिक तकनीक का उपयोग करके इसकी पाइलिंग का काम किया जा रहा है ताकि स्मारक को पानी और हवा से कोई नुकसान न हो। पहले चरण का काम कुछ दिक्कतों के चलते दो महीने की देरी से शुरू किया गया। हालांकि  काम की गति बढ़ाकर पहला चरण अप्रैल 2022 तक पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है।

दूसरे चरण के कार्य
पहला चरण पूरा होने पर दूसरे चरण पर काम शुरू किया जाएगा, जिसमें तकनीक, लेजर शो, डिजिटल मैपिंग प्रोजेक्शन, वर्चुअल रियलिटी और ऑडियो-विजुअल आदि शामिल हैं। स्मारक पर एक बड़ा टैंक भी बनाया जाएगा। जल्द ही इस टैंक निर्माण का काम शुरू किया जाएगा। एमएमआरडीए की मंशा है कि सभी कार्यों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए और स्मारक को लोगों को समर्पित किया जाए।

अब पेड़ काटे बिना किया जा रहा है काम
एमएमआरडीए के आयुक्त एस.वी.आर. श्रीनिवास ने बताया कि स्मारक कार्य के लिए महापौर बंगले में 30 से 40 पेड़ काटने पड़े। लेकिन अब एक भी पेड़ को काटे बिना काम किया जा रहा है। पेड़ों को बचाने के लिए प्रोजेक्ट लेआउट में कई बदलाव भी करने पड़े। इससे भी काम में देरी हुई। लेकिन यह अच्छी बात है कि पेड़ बच गए।

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