मुंबई: म्हाडा के फ्लैट क्या आम लोगों के लिए ही है?

म्हाडा के घर खरीदना अब अत्यल्प, निन्म और मध्यम वर्गीय आय वर्ग लिए असंभव होता जा रहा है। आरोप है कि, सरकार की अब म्हाडा के घरों के मूल्यों पर नियंत्रण नहीं है।

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म्हाडा फ्लैट हुए महंगे

म्हाडा के मुंबई बोर्ड की ओर से मुंबई में 4083 घरों के लिए लॉटरी की घोषणा की गई है और इसके लिए 22 मई 2023 से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं। इसके लिए ड्रा 18 जुलाई 2023 को निकाला जाएगा। इस लॉटरी में घरों की कीमतें निजी डेवलपर्स द्वारा बेचे गए घरों की तुलना में अधिक हैं और आम गरीबों की पहुंच से बाहर हैं। ऐसी परिस्थिति में भले ही म्हाडा का घर अफोर्डेबल बताया जाता है, लेकिन इस लॉटरी में घरों की कीमतों पर नजर डालें तो आम जनता की प्रतिक्रिया यही होती है कि यह अन-अफोर्डेबल हाउस है। अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या ये घर वाकई आम गरीबों के लिए हैं?

अत्यल्प आय वर्ग: सबसे कम आय वर्ग यानी ईडब्ल्यूएस के लिए म्हाडा के घरों के लिए सीमा 6 लाख रुपये प्रति वर्ष की आय तक है और इस समूह के घरों की कीमत 24.71 लाख रुपये से लेकर 40 लाख रुपये तक है। इस आमदनी में 6 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले जनसामान्य 40 लाख रुपये का घर नहीं खरीद सकते यह भी स्पष्ट है।

निन्म आय वर्ग: कम आय वर्ग यानी 9 लाख तक की आय सीमा वाले एलआईजी श्रेणी में घरों की कीमत 31 लाख से 1 करोड़ 61 लाख तक है। एलआईजी श्रेणी के आवेदकों के लिए 1.6 करोड़ रुपए का घर खरीदना असंभव ही है।

मध्यम आय वर्ग: मध्यम आय समूह में 12 लाख तक की वार्षिक आयवालों के लिए घरों की कीमतें 46 लाख से 4 करोड़ 72 लाख तक होने के कारण, यह सवाल उठता है कि इन घरों को कौन खरीदेगा? इसलिए सभी चार आय वर्ग में घरों की कीमतों को देखते हुए कोई भी इन घरों को खरीदने का जोखिम नहीं उठा सकता है, कहा जा रहा है कि इन घरों की बढ़ती कीमत का असर लॉटरी में दिखाई देगा क्योंकि म्हाडा ने अपने गठन की मूल अवधारणा का उल्लंघन किया है।

अब तक, म्हाडा के घरों की कीमतों को उस कीमत में उपलब्ध कराया गया था, जो सभी श्रेणी के लोगों को खरीदना संभव था। लेकिन इस साल सरकार में मंत्रियों का इस लॉटरी पर कोई नियंत्रण नहीं होने के कारण इन घरों की कीमतें रेडीरिकोनर की दर के हिसाब से तय की गई हैं। चूंकि म्हाडा के इन घरों की कीमतें बाजार भाव के बराबर है, इसलिए इस लॉटरी से यह स्पष्ट है कि म्हाडा अब किफायती आवास प्रदान करने वाली अथॉरिटी नहीं है, बल्कि यह अब एक डेवलपर की भूमिका में एक लाभ कमाने वाली संस्था है।

अगर राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री व आवास मंत्री देवेंद्र फडणवीस इन मकानों की लॉटरी को निलंबित कर निर्धारित दरों को कम करने की कोशिश करते हैं तो आम गरीबों का आवास का सपना साकार हो जाएगा।

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घरों की औसत कीमतें

अत्यल्प आय वर्ग (ईडब्ल्यूएस): 6 लाख तक की आय सीमा
घर की कीमत 24.71 से 40 लाख

निम्नआय वर्ग (LIG): आय सीमा 9 लाख प्रति वर्ष तक
घर की कीमत: 31 लाख से 1 करोड़ 61 लाख रुपए

मध्यम आय वर्ग (MIG): आय सीमा 12 लाख प्रति वर्ष तक
घरों की कीमत: न्यूनतम 47 लाख से अधिकतम 4 करोड़ 72 लाख

उच्च आय वर्ग (HIG): कोई सीमा नहीं
घरों की कीमत: न्यूनतम 83 लाख से 7 करोड़ 57 लाख रुपये

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