महाराष्ट्र (Maharashtra)के सभी महानगरों में बढ़ते वायु प्रदूषण के मद्देनजर बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay high court) ने सिर्फ दो घंटे तक फटाखा फोड़ने (burst crackers) का संशोधित आदेश 10 नवंबर को जारी किया है। इसलिए सूबे के महानगरों (metropolitan cities) में अब दिवाली (Diwali)के दौरान केवल रात 8 बजे से 10 बजे के बीच पटाखा फोड़ा जा सकता है। यह निर्णय पहले की छूट का पालन करता है, जिसे अदालत ने वायु गुणवत्ता (air quality) की स्थिति के आधार पर संशोधित करना आवश्यक समझा।
खराब वायु प्रदूषण के कारण संशोधित हुआ समय
दिवाली के दौरान फटाखा फोड़ने की अनुमति के संदर्भ में याचिका पर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने 10 नवंबर को सुनवाई की। इससे पहले 6 नवंबर को हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र के सभी नगरपालिका प्राधिकरणों की सीमा के भीतर शाम 7 बजे से रात 10 बजे तक यानी तीन घंटे के लिए फटाखा फोड़ने की अनुमति दी थी लेकिन इस मामले पर हो रही सुनवाई के दौरान खराब वायु प्रदूषण की वजह से पुराने आदेश को संशोधित कर फटाखा फोड़ने की अवधि सिर्फ दो घंटे कर दी गई।
दिल्ली न बनें, आइए मुंबईवासी बने रहें
मुख्य न्यायाधीश उपाध्याय ने साफ शब्दों में कहा, “आइए दिल्ली न बनें। आइए मुंबईवासी बने रहें।” अदालत ने 6 नवंबर के आदेश के अन्य निर्देशों को बरकरार रखा, जिसमें शहर में मलबा ले जाने वाले वाहनों पर प्रतिबंध भी शामिल है। हालांकि इसने नगर निगमों के लिए वायु गुणवत्ता सूचकांक को ध्यान में रखते हुए 19 नवंबर के बाद ऐसे वाहनों के प्रवेश पर निर्णय लेने की गुंजाइश छोड़ दी।
बीएमसी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मिलिंद साठे ने कहा कि नगर निकाय मार्च 2023 की प्रदूषण शमन कार्य योजना के बाद जारी दिशा-निर्देशों को लागू कर रहा है। उन्होंने कहा कि नगर निकाय के उड़नदस्तों ने अब तक 1,623 निर्माण और अन्य स्थलों का दौरा किया है जिनमें से 1,065 को प्रदूषण नियंत्रण मानदंडों और दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए नोटिस जारी किए गए थे।
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