UP: थाई पर्यटकों से गुलजार होगा कुशीनगर, इन देशों के पर्यटक होंगे शामिल

फरवरी माह में बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली थाइलैंड के पर्यटकों से गुलजार रहेगी। माह के 20–24 फरवरी तक थाई वाट थाई फेस्टिवल(माघी पूर्णिमा उत्सव व धातु यात्रा) का भी आयोजन कर रहा है।

132

UP: कुशीनगर के होटलों में हुई प्री बुकिंग की स्थिति बता रही है की फरवरी माह में बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली(place of Mahaparinirvana of Buddha) थाइलैंड के पर्यटकों से गुलजार रहेगी। माह के 20–24 फरवरी तक थाई वाट थाई फेस्टिवल(माघी पूर्णिमा उत्सव व धातु यात्रा) का भी आयोजन कर रहा है। आयोजन की अवधि में थाई पर्यटक और बौद्ध भिक्षुओं की भीड़(Crowd of Thai tourists and Buddhist monks) और बढ़ जायेगी। फेस्टिवल में भाग लेने के लिए दस दिन पूर्व से ही सैलानी कुशीनगर आना शुरू(Tourists start coming to Kushinagar) हो जायेंगे।

अक्टूबर से शुरू पर्यटन सीजन में अब तक थाइलैंड की पर्यटकों की संख्या नगण्य(Thailand’s tourist numbers are negligible) रही है। अपवाद स्वरूप पर्यटकों के एक दो छोटे दल ही आए। जबकि बौद्ध सर्किट के पर्यटन में थाई पर्यटकों की अहम (कुल पर्यटक संख्या का लगभग 30 प्रतिशत )भागीदारी है। बीते पर्यटन सत्रों में शुरुआत से ही थाई पर्यटक आने शुरू हो जाते हैं। किंतु इस बार के सत्र में उनके न आने से पर्यटन कारोबारी मायूस थे। हमेशा चहल पहल से भरा रहने वाला थाई राजपरिवार से संबद्ध थाई वाट का परिसर भी सूना दिख रहा है। किंतु थाई फेस्टिवल के दौरान यहां भारी संख्या में बौद्ध भिक्षु और पर्यटक रहेंगे।

अन्तर-राष्ट्रीय स्तर का आयोजन है थाई फेस्टिवल
पांच दिनों तक चलने वाले थाई फेस्टिवल में विशेष अनुष्ठान,बुद्ध धातु शोभा यात्रा,सांस्कृतिक व रचनात्मक कार्यक्रम आदि किए जाते हैं। यात्रा में सुशोभित रथ पर स्वर्ण कलश में रखा गौतम बुद्ध का अस्थि अवशेष विशेष आकर्षण का केंद्र रहता है। विशेष अनुष्ठान में बौद्ध भिक्षु इंडो थाई की खुशहाली, विकास और विश्व शांति की कामना(Indo-Thai Buddhist monk wishes prosperity, development and world peace) करते हैं।

Jharkhand: हेमंत सोरेन राज में भगवान भी सुरक्षित नहीं, मंदिर में देवी-देवताओं की प्रतिमाओं के साथ हुआ ऐसा

इन देशों के पर्यटक शामिल
आयोजन में थाईलैंड राजपरिवार के सदस्यों सहित श्रीलंका,म्यांमार,जापान, भूटान समेत कई देशों के बौद्ध भिक्षु व पर्यटक व राजनयिक शामिल होते हैं। अंबिकेश त्रिपाठी पीआरओ थाई वाट ने बताया कि थाइलैंड से पर्यटकों के बौद्ध सर्किट ना आने की प्रमुख वजह कोरोना के कारण आई आर्थिक मंदी एक बड़ा कारण है। माघ माह और माघी पूर्णिमा का थाइलैंड में बहुत धार्मिक महत्व है। इस नाते इस फरवरी में पर्यटक आ रहे हैं।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.