सूरत-अहमदाबाद में संक्रामक बीमारियों ने पसारे पांव, सूरत में छह की मौत

अगस्त माह में शहर में डेंगू के 243 मामले मिले हैं। इसके अलावा मलेरिया के 70 केस, जहरीली मलेरिया और चिकनगुनिया के 5-5 केस मिले हैं। पूर्व अहमदाबाद के वटवा वार्ड में हैजा के 6, इंद्रपुरी वार्ड में हैजा के 3, इसनपुर वार्ड में 4 और लांभा वार्ड में हैजा के 2-2 केस मिले हैं।

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सूरत और अहमदाबाद में मौसमी बीमारी का प्रकोप कहर बरपा रहा है। संक्रामक रोगों के साथ जलजनित रोग पांव पसारे जा रहे हैं। पिछले 72 घंटे में सूरत में इन बीमारियों से छह लोगों की मौत हो चुकी है। गांधीनगर में महानगर पालिका की तरफ से ड्रोन की मदद से दवाओं का छिड़काव कर बीमारी को फैलने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है।

राज्य के कई इलाकों में मौसमी वायरल बुखार के सैकड़ों मामले सामने आ रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सूरत में पिछले 12 दिन में डायरिया के 38, मलेरिया के सात, बुखार के 76, डेंगू के 24 और गेस्ट्रो के 38 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि वास्तविकता में शहर के निजी और सरकारी अस्पतालों में मरीजों की बाढ़ आई हुई है।

अहमदाबाद में भी बारिश के थमने के साथ ही संक्रामक रोगों का फैलना शुरू हो गया है। मच्छरजनित और जलजनित रोगों से पीड़ितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अहमदाबाद में डेंगू के केस भी मिलने की सूचना है। अहमदाबाद के सरखेज में डेंगू के सर्वाधिक मामले मिले हैं। यहां 55 लोगों में डेंगू पॉजिटिव मिला है। इसके अलावा अहमदबाद के गोता, चांदलोडिया, थलतेज समेत बोडकदेव वार्ड में डेंगू के अधिक केस मिले हैं। इसके अलावा अहमदाबाद के पूर्वी क्षेत्र रामोल, निकोल के अलावा वटवा, खोखरा और बहेरामपुरा, लांभा वार्ड में भी डेंगू के केस में बढ़ोतरी देखी गई है।

अगस्त माह में शहर में डेंगू के 243 मामले मिले हैं। इसके अलावा मलेरिया के 70 केस, जहरीली मलेरिया और चिकनगुनिया के 5-5 केस मिले हैं। पूर्व अहमदाबाद के वटवा वार्ड में हैजा के 6, इंद्रपुरी वार्ड में हैजा के 3, इसनपुर वार्ड में 4 और लांभा वार्ड में हैजा के 2-2 केस मिले हैं। जलजनित रोगों में उल्टी-दस्त के 481 और टाइफाइड के 313 और पीलिया के 76 केस दर्ज किए गए हैं।

राजकोट में भी घर-घर वायरल बुखार, सर्दी-खांसी के मरीज हैं। डेंगू के केस भी मिले हैं। बारिश के विराम के बाद आसमान में बादलों के जमे रहने से नमीयुक्त माहौल के कारण बीमारियों ने पांव पसार लिए हैं। गांधीनगर में भी कमोबेश यही हाल है।

गांधीनगर नगर निगम के महापौर हितेश मकवाणा ने बताया कि गांधीनगर महानगर पालिका की ओर से ड्रोन की मदद से दवाओं का छिड़काव शुरू किया गया है। ड्रोन की मदद से दवाओं के छिड़काव से अच्छे परिणाम मिले हैं।

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