HSNCU: इंटर यूनिवर्सिटी महिला शतरंज में नागपुर ने जीती ट्रॉफी, मुंबई विश्वविद्यालय के नाम जुड़ी ये उपलब्धि

कुलपति प्रो. हेमलता बागला ने कहा कि समग्र विकास में खेलों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. शतरंज का खेल खिलाड़ियों में आत्मविश्वास, नेतृत्व कौशल, निर्णय लेने और स्वस्थ प्रतिस्पर्धी भावना जैसे कई गुण पैदा करता है. अगर हम देखें तो जिंदगी भी शतरंज की तरह है...

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HSNCU में वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी महिला शतरंज प्रतियोगिता
एचएसएनसी यूनिवर्सिटी, मुंबई द्वारा आयोजित एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज एवं एआईयू (इंटर यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स बोर्ड ऑफ इंडिया) की वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी महिला शतरंज चैंपियनशिप 2023-24 (Inter University Women’s Chess Championship 2023-24) में आरटीएमएनयू, नागपुर  (Nagpur) की टीम विजेता रही. वहीं मुंबई विश्वविद्यालय (Mumbai University) की टीम प्रथम एवं भारती विद्यापीठ पुणे की टीम को द्वितीय रनर अप घोषित किया गया.

जिंदगी भी शतरंज की तरह: कुलपति प्रो. हेमलता बागला
एचएसएनसी यूनिवर्सिटी के वर्ली स्थित कैंपस में संपन्न हुई इस चार दिवसीय प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. हेमलता बागला (Pro. Hemlata Bagla) ने कहा कि समग्र विकास में खेलों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. शतरंज का खेल खिलाड़ियों में आत्मविश्वास, नेतृत्व कौशल, निर्णय लेने और स्वस्थ प्रतिस्पर्धी भावना जैसे कई गुण पैदा करता है. अगर हम देखें तो जिंदगी भी शतरंज की तरह है, एक समय में एक कदम उठाओ, एक समय में एक चाल चलो. जो भी कदम उठाओ, सोच समझ कर उठाओं और यदि कहीं गलती हो गई तो उससे सीख लेते हुए अगला कदम बेहद सावधानी और पूरे ध्यान से उठाओ. डॉ. बागला ने कहा कि मेरी हार्दिक इच्छा है कि आने वाले दिनों में आप लोग अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खेलते हुए दिखें. एचएसएनसी विश्वविद्यालय के आयोजन सचिव और प्रभारी खेल निदेशक भालचंद्र सावर्डेकर ने बताया कि प्रतियोगिता में पश्चिम क्षेत्र के 50 विश्वविद्यालयों के 250 प्रतिभागियों (और उनके सहयोगी स्टाफ) ने भाग लिया.

7 राउंड में हुए मुकाबले
प्रतियोगिता के सभी मुकाबले फिडे के नियमानुसार खेले गए. अधिकारियों की सहायता से 7 राउंड हुए, जिसमें सभी टीमों ने बिना किसी नॉक आउट के भाग लिया. अंतिम राउंड के बाद संबंधित टीम के सदस्यों द्वारा विभिन्न राउंड में प्राप्त किए गए अंकों के आधार पर विजेता टीम घोषित की गई. टूर्नामेंट में 69 से अधिक फिडे रेटेड खिलाड़ियों ने भाग लिया. निष्पक्ष खेल सुनिश्चित करने के लिए 10 से अधिक ऑर्बिटर को शामिल किया गया था.

सभी मैच जीतने पर विशेष सम्मान
प्रतियोगिता में भाग लेने वाले एवरिल डेविड (मुंबई विश्वविद्यालय); आकांक्षा हगावणे (भारती विद्यापीठ, पुणे); मृदुल देहनकर (आरटीएमएनयू, नागपुर); मंदाकिनी मिश्रा (आरडीवीवी, जबलपुर, मप्र); पूजा सैन (महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर) और पल्लवी कदम (एसआरटीएम विश्वविद्यालय, नांदेड़) ने अपने सभी मैच जीते. इस उपलक्ष्य में आयोजन समिति द्वारा इन खिलाड़ियों को विशेष पदक से सम्मानित किया गया.

शतरंज के खेल में भारत सबसे आगे : शर्मा
एआईयू पर्यवेक्षक आर.के. शर्मा ने देश में शतरंज और अन्य खेलों को व्यापक रूप से बढ़ावा देने के लिए डॉ. हेमलता बागला और एचएसएनसी विश्वविद्यालय की प्रशंसा की. उन्होंने बताया कि शतरंज खिलाड़ियों की संख्या के मामले में भारत दुनिया में सबसे आगे है. उन्होंने खिलाड़ियों को कड़ी मेहनत करते रहने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा कि 4 जोनों में से प्रत्येक से 4 शीर्ष विश्वविद्यालय जयपुर में एआईयू द्वारा आयोजित अखिल भारतीय स्तर के जोनल टूर्नामेंट के लिए जाएंगे और उन्हें उम्मीद है कि शीर्ष 4 पश्चिम क्षेत्र के विश्वविद्यालय अपनी रैंक बनाए रखेंगे.

इनकी रही उपस्थिति
पुरस्कार वितरण समारोह में एचएसएनसी विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार डॉ. भगवान बलानी, के.सी. कॉलेज की प्राचार्य डॉ. तेजश्री शानबाग, एआईयू पर्यवेक्षक आरके शर्मा, टूर्नामेंट निदेशक प्रफुल्ल ज़वेरी, चीफ ऑर्बिटर संदेश नागरनायक एवं डिप्टी चीफ ऑर्बिटर जयश्री डांगचे की विशेष उपस्थिति रही.

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