10 वर्ष बाद पकेगी बीएमसी की अलग खिचड़ी

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कोरोना काल में मुंबई में बीएमसी के स्कूल बंद होने के कारण मीड डे मील के तहत विद्यार्थियों को खिचड़ी वितरण भी बंद है। इस योजना के तहत मुंबई महानगरपालिका के स्कूलों में मिड डे मील वितरण के लिए 2009 में चुने गए महिला बचत गटों को ठेके दिया गया था। आखिर 11 वर्षों बाद पुराने बचत गटों के बदलकर नए गटों को ये मौका दिया गया है। सिर्फ इस्कॉन ने खुद इसका ठेका न लेकर अपने साथ संलग्न अन्नामृता फाउंडेशन नाम की संस्था को यह काम दिया है। इसके लिए ठेका प्राप्त करने की कोशिश कर रही संस्था अक्षयपात्रा को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।

तीन वर्षों के लिए 223 करोड़ 63 लाख का ठेका
बीएमसी ने  पहली से आठवीं तक के स्कूलों को पोषण आहार उपलब्ध कराने की योजना के तहत ये ठेका दिया गया है।  इसके लिए सेंट्रल किचन प्रणाली के लिए महिला व स्वयंसेवी संस्थाओ से आवेदन मंगवाए गए थे। इसमें शहर के पूर्व उपनगर और पश्चिम उपनगर के लिए कुल  572 संस्थांओं ने आवेदन किया था। उनमें से 165 संस्थाओं का चयन किया गया था। उसके बाद तीन वर्षों के लिए कुल 223 करोड़ 63 लाख रुपए का ठेका महिला व स्वयंसेवी संस्थांओं को दिया गया है।

इससे पूर्व के 10 वर्षों में 276 करोड़ रुपए का दिया गया था ठेका
शालेय पोषण आहार के अंतर्गत इससे पूर्व 2009 में  मिड डे मील वितरण के लिए संस्थांओं का चयन किया गया था। इसके लिए कुल 152 संस्थांओं को ठेका दिया गया था। दिसंबर 2009 से 30 नवंबर 2912 तक यानी तीन वर्षों के लिए ये ठेका दिया गया था। इसकी समय सीमा समाप्त होने के बाद 30 अप्रैल 2916 तक बढ़ा दिया गया था। इस वजह से तीन वर्षाों के लिए दिया गया 60 करोड़ का ठेका बढ़कर 173 हो गया। उसके बाद फिर एक वर्ष के लिए इस ठेके को बढ़ाकर फिर से 36 करोड़ रुपए बढ़ा दिया गया था और 30 अप्रैल 2019 तक 60 करोड़ का ठेका 276 करोड़ हो गया था। इस तरह 10 वर्ष में बीएमसी ने इस काम के लिए 276  करोड़ रुपये खर्च किया। अब तीन वर्षों के लिए प्रशासन ने निविदा मंगाकर 223 करोड़ रुपए का नया ठेका दिया है।

सात दिनों दी जाएगी इस तरह की खिचड़ी
मुंगदाल खिचड़ी, मटकी खिचड़ी, मटर खिचड़ी, दाल भात, हरभरा खिचड़ी व पुलाव भात

एक दिन विशेष आहार
हफ्ते में नियमित आहार के आलावा एक दिन विशेष आहार दिया जाएगा। यह आहार प्रत्येक बुधवार को दिया जाएगा। इसमें राजगिरा- मोतिचूर लड्डू, शेंगदाणा लड्डू-चिक्की, राजगिरा लड्डू- मोतिचूर लड्वडू, उपलब्धता के अनुसार फल शमिल है। बुधवार को किसी कारण से छुट्टी रहने पर स्कूल के दिन वो आहार अनिवार्य रुप से वितरित करना होगा।

बर्तन साफ करने की जिम्मेदारी संस्था की
स्कूलों में आहार पहुंचाने के आलावा बर्तन की साफ-सफाई और परिसर को स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी भी संस्था की होगी। स्कूल, विद्यार्थी या शिक्षकों पर इसकी कोई जिम्मेदारी नही होगी।

 

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