इलाहाबाद हाईकोर्ट में करीब छह सौ सरकारी वकील बने

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उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद हाईकोर्ट और उसकी लखनऊ खण्डपीठ के करीब 800 से अधिक सरकारी वकील हटा दिए गए हैं। उनके स्थान पर राज्य सरकार की ओर प्रभावी पैरवी करने के लिए करीब 600 अधिवक्ताओं को आबद्ध किया गया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय में 366 अधिवक्ताओं को और लखनऊ खण्डपीठ में 220 अधिवक्ताओं को सरकारी वकील बनने का मौका मिला है।

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दरअसल नयी सरकार के गठन के बाद हर बार नये अधिवक्ताओं को सरकारी वकील बनने का मौका मिलता है। यह मौका तभी मिलता है जब पुराने वकीलों को हटाया जाता है। इसी कड़ी में भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार-2 ने पुराने सरकारी वकीलों का सेवा समाप्त करते हुए नये को मौका दिया है। नये अधिवक्ताओं के चयन को लेकर शासन की तरफ से सूची भी जारी कर दी गयी है। इसके बाद भी बड़ी संख्या में सरकारी वकीलों के पद भरे जाने बाकी हैं।

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