ड्रोन टेक्नोलॉजी बन रही है क्रांति का आधार, प्रधानमंत्री ने गिनाए लाभ

वर्तमान में देश में 270 ड्रोन से जुड़े स्टार्ट अप हैं। ड्रोन उत्पादन क्षेत्र में 10 हजार नौकरियां और सेवा क्षेत्र में 5 लाख नौकरियां सृजित कर सकता है।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 मई को यहां एक कार्यक्रम में ड्रोन टेक्नोलॉजी का लाभ गिनाते हुए कहा कि भारत इस क्षेत्र में वैश्विक हब बनने की अपार क्षमताएं रखता हैं। उन्होंने कहा कि ड्रोन तकनीक से जुड़े क्षेत्र में अपार रोजगार सृजन क्षमताएं हैं और सरकार उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजनाओं (पीएलआई) से देश में ड्रोन उत्पादन का एक सशक्त वातावरण बना रही है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 मई दिल्ली के प्रगति मैदान में दो दिवसीय भारत ड्रोन महोत्सव 2022 की शुरुआत की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने किसान ड्रोन पायलटों से बातचीत की, ओपन-एयर ड्रोन उड़ान प्रदर्शन का अवलोकन किया और ड्रोन प्रदर्शनी केंद्र में स्टार्ट-अप के लोगों से चर्चा की। प्रधानमंत्री ने 150 रिमोट पायलट सर्टिफिकेट भी लॉन्च किए।

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ड्रोन टेक्नोलॉजी बड़ी क्रांति का आधार
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में तकनीक के माध्यम से सरकारी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने में मिल रही मदद का विस्तार से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि ड्रोन टेक्नोलॉजी बड़ी क्रांति का आधार बन रही है और प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना इसका एक बड़ा उदाहरण है। इस योजना के तहत पहली बार देश के गांव की हर संपत्ति की डिजिटल मैपिंग की जा रही है। लोगों को डिजिटल प्रॉपर्टी कार्ड दिए जा रहे हैं।

पूर्व की सरकार पर साधा निशाना
अपनी सरकार के तकनीक को प्राथमिकता देने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारें इसे समस्या का हिस्सा मानती थीं। गरीब विरोधी बताती थी। तकनीक का उपयोग ना करने से देश में मध्यमवर्ग और वंचित वर्ग को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि तकनीक को पहले केवल उच्च वर्ग के लिए माना जाता था। आज तकनीक सर्व सुलभ बनाया जा रहा है।

खास बातेंः
-उन्होंने कहा कि तकनीक से अंत्योदय को लक्ष्य को प्राप्त करना आसान है। ऐसे में अंतिम व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।

-प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में अपने निजी अनुभवों को भी साझा किया। उन्होंने बताया कि कैसे वह ड्रोन तकनीक का उपयोग कर विकास परियोजनाओं की परीक्षा समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ड्रोन से वे कई सरकारी परियोजनाओं का औचक निरीक्षण भी कर रहे हैं।

-उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले तक ड्रोन पर बहुत सारे प्रतिबंध थे। सरकार ने इनमें से अधिकतर को हटा लिया है। साथ ही पीएलआई जैसी योजनाओं के जरिए भारत में ड्रोन उत्पादन का एक सशक्त वातावरण भी तैयार किया जा रहा है।

-इस अवसर पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि अंग्रेजी भाषा में कहा जाता है कि जिस विचार का समय आ जाए उस से बड़ा कुछ नहीं है। ड्रोन वैसा ही विचार है जिसका अब भारत में समय आ गया है। ऐसा अनुमान है कि ड्रोन वर्ष 2026 तक 15 करोड़ हजार करोड़ का कारोबार होगा। आज देश में 270 ड्रोन से जुड़े स्टार्ट अप हैं। ड्रोन उत्पादन क्षेत्र में 10 हजार नौकरियां और सेवा क्षेत्र में 5 लाख नौकरियां सृजित कर सकता है।

-भारत ड्रोन महोत्सव 2022 दो दिवसीय कार्यक्रम है। यह 27 और 28 मई को दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित किया जा रहा है। महोत्सव में सरकारी अधिकारियों, विदेशी राजनयिकों, सशस्त्र बलों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों, निजी कंपनियों और ड्रोन स्टार्ट-अप आदि सहित 1600 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।

-ड्रोन प्रदर्शनी में 70 से अधिक प्रदर्शक ड्रोन के विभिन्न उपयोगों के बारे में प्रदर्शन करेंगे। महोत्सव में अन्य कार्यक्रमों के अलावा ड्रोन पायलट प्रमाणपत्र का वर्चुअल वितरण, उत्पादों की लॉचिंग, पेनल चर्चा, उड़ान प्रदर्शन, मेड इन इंडिया ड्रोन टैक्सी प्रोटोटाइप की प्रदर्शनी आदि को भी शामिल किया गया है।

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