RPF का ‘जीवन रक्षा’ मिशन, पहली तिमाही में बचाए गए 178 यात्री

रेल सुरक्षा बल का बहुत पुराना इतिहास रहा है। वर्ष 1882 में 'वॉच एण्ड वॉर्ड' से शुरू हुआ सुरक्षा का कार्य निरंतर विस्तारित होता गया। 29 अगस्त, 1957 में 'रेल सुरक्षा बल अधिनियम' संसद द्वारा पास किया गया, जो 10 सितम्बर 1959 को लागू हुआ। इसी को रेल सुरक्षा बल का आधिकारिक स्थापना दिवस माना जाता है।

100

रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के कर्मी अपनी जान की परवाह किये बिना ट्रेन यात्रियों और उनके सामान की सुरक्षा में मुस्तैद हैं। साल की पहली तिमाही तक के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार बल ने मिशन “जीवन रक्षा” के तहत 178 यात्रियों की जान बचाई है। इतना ही नहीं उतरने की जल्दबाजी में ट्रेन में छूट गया कुल 9.15 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के 5,337 सामान बरामद कर यात्रियों को लौटाया है।

रेल मंत्रालय ने 14 अप्रैल को बताया कि आरपीएफ को रेलवे संपत्ति, यात्री क्षेत्र, यात्रियों और उससे जुड़े मामलों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी जाती है। रेलवे सुरक्षा, यात्री सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने और पुलिस और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वित कार्रवाई करते हुए यात्रियों को सहायता प्रदान करने के लिए, आरपीएफ ने 2022 में कई ऑपरेशन शुरू किए और उल्लेखनीय प्रदर्शन दर्ज किया है। आरपीएफ द्वारा शुरू किए गए इन कार्यों को जनता से बहुत सकारात्मक और उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है।

मिशन “जीवन रक्षा” के तहत आरपीएफ कर्मियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर, मार्च के महीने में 50 पुरुष और 24 महिलाओं सहित कुल 74 यात्रियों का जीवन बचाया है। वहीं जनवरी से मार्च तक यह आंकड़ा 106 पुरुष और 72 महिलाओं के साथ 178 व्यक्तियों तक पहुंच गया है।

ये भी पढ़ें – वरिष्ठ अधिकारी की कार से निकली नकदी ही नकदी, ऐसे हुई कार्रवाई

ऑपरेशन अमानत
कई यात्री ट्रेन में चढ़ने या ट्रेन और स्टेशन से निकलने की हड़बड़ी में अपना सारा सामान ले जाना भूल जाते हैं। “ऑपरेशन अमानत” के तहत, आरपीएफ कर्मी ऐसे सामानों को सुरक्षित रखने और उन्हें सही मालिकों को वापस दिलाने में मदद करते हैं। आरपीएफ ने इस ऑपरेशन के तहत मार्च में 3.41 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के 2000 से अधिक सामान और 2022 की तिमाही (मार्च तक) में कुल 9.15 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के 5337 सामान बरामद किए।

ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते
“ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते” के तहत आरपीएफ इस साल मार्च तक 2442 लड़कों और 1179 लड़कियों सहित कुल 3621 गुमशुदा बच्चों को उनके परिवारों से मिलवा चुका है। अकेले मार्च की बात करें तो 954 लड़कों और 466 लड़कियों सहित 420 बच्चों को बचाया गया।

ऑपरेशन मातृशक्ति
आरपीएफ कर्मी विशेष रूप से महिला आरपीएफ कर्मियों ने “ऑपरेशन मातृशक्ति” के तहत ट्रेन यात्रा के दौरान प्रसव कराने में 26 गर्भवती महिलाओं की मदद की। इसमें मार्च माह के दौरान 10 महिला यात्रियों की मदद भी शामिल है।

रेल मार्ग मादक पदार्थों की तस्करी का प्रमुख माध्यम रहा है। रेल के माध्यम से मादक पदार्थों की तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए आरपीएफ ने ऑपरेशन नारकोस शुरू किया है। इस कार्रवाई के तहत आरपीएफ ने मार्च महीने के दौरान 91 व्यक्तियों की गिरफ्तारी के साथ 3.12 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के मादक पदार्थ बरामद किए हैं। 2022 में (मार्च तक) 245 व्यक्तियों की गिरफ्तारी के साथ 9.97 करोड़ रुपये के नशीले पदार्थ बरामद किए गए।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.