शिवालिक क्लास फ्रिगेट अब होंगे अधिक घातक, मोदी सरकार के निर्णय से मिलेगी शक्ति

सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस को पनडुब्बी, जहाज, विमान या जमीन, यानी कहीं से लॉन्च किया जा सकता है। वायु सेना के पास भी एयर अटैक वर्जन और भारतीय सेना के पास जमीन से जमीन पर हमले करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल है।

119

केंद्र की मोदी सरकार ने भारतीय नौसेना के शिवालिक क्लास फ्रिगेट में ब्रह्मोस मिसाइल लगाने के लिए मंजूरी दे दी है। आधुनिक हथियारों से सुसज्जित इन जहाजों से भारतीय सेना समुद्री लड़ाई के लिहाज से और ज्यादा मजबूत होगी। समुद्र से दागने के लिए ब्रह्मोस मिसाइल के चार वैरिएंट्स हैं। युद्धपोत से दागी जाने वाली एंटी-शिप मिसाइल और लैंड-अटैक मिसाइल नौसेना के पास पहले से हैं। पनडुब्बी से दागी जाने वाली एंटी-शिप मिसाइल और लैंड-अटैक मिसाइल का भी सफल परीक्षण हो चुका है और जल्द ही नौसेना के जखीरे में शामिल होंगी।

जल-थल-नभ ब्रम्होस की सीमा में सब
सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस को पनडुब्बी, जहाज, विमान या जमीन, यानी कहीं से लॉन्च किया जा सकता है। वायु सेना के पास भी एयर अटैक वर्जन और भारतीय सेना के पास जमीन से जमीन पर हमले करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल है। पिछले साल तीनों सेनाओं ने अपने-अपने वर्जन की ब्रह्मोस मिसाइलों के परीक्षण करके भारत की बढ़ती ताकत का एहसास दुनिया को कराया है। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल तीनों दिशाओं से हमला करने को तैयार है और इसके सभी संस्करण किसी भी समय दुश्मन के छक्के छुड़ा सकते हैं। अब देश का दुश्मन जमीन-आसमान या पानी कहीं से भी इसके वार से बच नहीं पाएगा।

ये भी पढ़ें – मध्य प्रदेश है अजब, गजब और सजग, पीएम मोदी ने ऐसे की प्रदेश की तारीफ

युद्धक बेड़ों की बड़ी फौज
प्रोजेक्ट 17ए कार्यक्रम के तहत कुल सात जहाजों में से 04 मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड, मुंबई (एमडीएल) में और 03 गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड, कोलकाता (जीआरएसई) में बनाए गए हैं। पिछले तलवार श्रेणी के युद्धपोतों की तुलना में इन जहाज़ों को बेहतर स्टील्थ विशेषताओं और भूमि हमले की क्षमताओं के लिए डिजाइन किया गया है। एमडीएल और जीआरएसई में बने दो-दो यानी चार जहाज उदयगिरि, दूनागिरी, नीलगिरि, हिमगिरी 2019 से 2022 के बीच लॉन्च किए जा चुके हैं। यह अधिकतम 59 किमी प्रतिघंटा की गति से समंदर की लहरों को चीरते हुए दौड़ सकते हैं।

प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट के तहत निर्मित पांचवां जहाज ‘तारागिरी’ 11 सितंबर, 2022 को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड, मुंबई में लॉन्च किया गया। इन जहाजों को भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो ने इन-हाउस डिजाइन किया है। ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत प्रोजेक्ट 17ए जहाजों के उपकरण और प्रणाली के 75% ऑर्डर एमएसएमई सहित स्वदेशी फर्मों को दिए जा रहे हैं। इन जहाजों में बेहतर स्टील्थ फीचर्स, अत्याधुनिक हथियार और सेंसर और प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम हैं। 3510 टन वजनी यह जहाज 149 मीटर लम्बे और 17.8 मीटर चौड़े हैं। इन युद्धपोतों में एंटी-सबमरीन वॉरफेयर के लिए 2 ट्रिपल टॉरपीडो ट्यूब्स भी हैं, जो दुश्मन को ढेर करने के लिए काफी है। इन स्वदेशी युद्धपोतों पर 35 अधिकारियों के साथ 150 लोग तैनात किए जा सकते हैं।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.