Indian Air Force को आधुनिक और एयरोस्पेस फोर्स में बदलने पर जोर, इन देशों में चल रहे संघर्ष से सबक लेने का आह्वान

वायुसेना प्रमुख के संबोधन में संघर्षरत क्षेत्रों से भारतीय प्रवासियों को सुरक्षित निकालने के काम और आपदा राहत कार्यों के दौरान भारतीय वायु सेना की निभाई गई प्रमुख भूमिका को उजागर किया गया।

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Indian Air Force प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी(Chief Air Chief Marshal VR Choudhary) ने रूस-यूक्रेन युद्ध और इजराइल-हमास के मौजूदा संघर्ष(Russia–Ukraine war and the current Israel–Hamas conflict) से एयरोस्पेस की दुनिया को सबक लेने का आह्वान किया। उन्होंने दोनों संघर्षों से मिली वायु शक्ति की सीख पर भी प्रकाश डाला। वायु सेना प्रमुख ने अधिकारियों को अपने संबोधन में भारतीय वायु सेना के सामने आने वाली भविष्य की चुनौतियों(future challenges), इसकी क्षमता विकास योजना और इसकी संयुक्तता के बारे में बताया।

भविष्य के लिए तैयार एयरोस्पेस फोर्स में बदलने के बारे में जोर
एयर चीफ मार्शल चौधरी ने 22 मार्च को वेलिंगटन के डिफेंस सर्विसेज स्टॉफ कॉलेज (डीएसएससी) का दौरा किया। उन्होंने 79वें स्टाफ कोर्स की तैयारी कर रहे भारतीय सशस्त्र बलों और मित्र देशों के छात्र अधिकारियों और कॉलेज के स्थायी कर्मचारियों को संबोधित किया। उन्होंने भारतीय वायु सेना को आधुनिक और भविष्य के लिए तैयार एयरोस्पेस फोर्स में बदलने के बारे में जोर दिया। उन्होंने भारतीय वायु सेना के सिद्धांत में बताए गए विजन को दोहराया, जिसमें निर्णायक एयरोस्पेस शक्ति प्रदान करने के लिए चुस्त और नई परिस्थितियों से परिचित होकर उसके अनुरूप अपने को ढालने वाली वायु सेना की परिकल्पना की गई है।

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वायु सेना की निभाई गई प्रमुख भूमिका को किया उजागर
वायुसेना प्रमुख के संबोधन में संघर्षरत क्षेत्रों से भारतीय प्रवासियों को सुरक्षित निकालने के काम और आपदा राहत कार्यों के दौरान भारतीय वायु सेना की निभाई गई प्रमुख भूमिका को उजागर किया गया। वायु सेना प्रमुख को चल रही प्रशिक्षण गतिविधियों और डीएसएससी में संयुक्तता के लिए दिए जा रहे प्रोत्साहन के बारे में भी जानकारी दी गई, जिसकी उन्होंने प्रशंसा की। डीएसएससी भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय का एक रक्षा सेवा प्रशिक्षण संस्थान है। यहां भारतीय सेना, भारतीय नौसेना, भारतीय वायु सेना के अधिकारियों, अर्धसैनिक बलों और सिविल सेवाओं के चयनित अधिकारियों और कमांड और स्टाफ नियुक्तियों के लिए मित्र देशों के अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाता है।

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