पैंगोंग त्सो लेक क्षेत्र में डिस-एंगेजमेंट प्रक्रिया शुरू होने के समाचार हैं। यहां चीन ने अपने पांव उलटे करके फिंगर 8 की तरफ लौटने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पिपल्स लिबरेशन आर्मी ने यहां पैंगोंग त्सो लेक के उत्तरी क्षेत्र में फिंगर 5 में बने अपने निर्माणों को उखाड़ना शुरू कर दिया है। लेकिन रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार चीन पर विश्वास तभी करना चाहिए जब वास्तविक रूप से ये धरातल पर दिखनी शुरू हो जाए।
Disengagement at #LAC continues. pic.twitter.com/EAlJWGygf2
— PRO Udhampur, Ministry of Defence (@proudhampur) February 16, 2021
ये भी पढ़ें – सीमा तनावः भारत-चीन के बीच हुआ ये अहम समझौता!
चीन की सेना का लद्दाख के गलवान घाटी में स्थित पैंगोंग त्सो लेक के फिंगर 4 से पीछे हटना शुरू हो गया है। इस स्थान से चीन ने अपने तंबू और अन्य सुरक्षा निर्माण हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके अंतर्गत वो जेट्टी भी शामिल है जिसका निर्माण मई 2020 के बाद किया गया था। इस विषय में भारत और चीन के मध्य समझौता होने की खबर है। सेना स्तर पर 9वें दौर की बातचीत के बाद ये परिणाम सामने आ रहे हैं।
Disengagement at #LAC continues. pic.twitter.com/EAlJWGygf2
— PRO Udhampur, Ministry of Defence (@proudhampur) February 16, 2021
More pictures of the continuing disengagement process. #LAC pic.twitter.com/qkhtnqq1pl
— PRO Udhampur, Ministry of Defence (@proudhampur) February 16, 2021
ये भी पढ़ें – क्या मिथुन चक्रवर्ती बनेंगे भाजपा के ‘माटी के लाल?’.. जानिए इस खबर में
चीन की कथनी और करनी में अंतर
चीन जो कहता है, करता उसका उलटा है इसलिए जब तक ग्राउंड जीरो पर वास्तविक रूप से उसके पीछे हटने को न देख लें उस पर विश्वास नहीं करना चाहिए। भारत और चीन के बीच जो समझौता हुआ है उसके अनुसार चीन फिंगर 8 पर जाएगा, जो समझौते के अनुसार उसका पूर्व का स्थान है। जबकि भारत फिंगर 3 पर है। इस प्रक्रिया को पूरा होने में दो से तीन सप्ताह का समय लगेगा।
ब्रिगेडियर (सेवा निवृत्त) हेमंत महाजन