स्वदेशी टैंक और हथियारों से ऐसे लैस होगी सेना!

रक्षा खरीद परिषद की बैठक में 13 हजार 700 करोड़ रुपए की लागत से विभिन्न हथियारों और उपकरणों की खरीदी की स्वीकृति दी गई।

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में 23 फरवरी को रक्षा खरीद परिषद की बैठक हुई। इस बैठक में 13 हजार 700 करोड़ रुपए की लागत से विभिन्न हथियारों और उपकरणों की खरीदी की स्वीकृति दी गई। इनमें भारत में निर्मित किए जानेवाले 118 मार्क-1ए अर्जुन टैंक भी शामिल हैं।

रक्षा मंत्रालय ने इस बारे में एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि रक्षा परिषद थलसेना, नौसेना और वायुसेना की आवश्यकताओं को देखते हुए विभिन्न हथियारों, प्लेटफॉर्म, उपकरणों और प्रणालियों के पूंजीगत खरीद प्रस्तावों को मंजूरी देती है। इनमें 118 अर्जुन टैंको के साथ ही 829 बख्तरबंद वाहन भी शामिल हैं। इन सभी हथियारों और उपकरणों का डिजाइन, विकास और उत्पादन देश में किया जाएगा। सभी पूंजीगत खरीद अनुबंधों को दो साल में पूरा किया जाएगा।

सभी पक्षों से सलाह लेकर तैयार की जाएगी विस्तृत कार्ययोजना
इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए मंत्रालय तीनों सेनाओं और सभी पक्षों से सलाह लेकर विस्तृत कार्ययोजना तैयार करेगी। अगली पीढ़ी की छह मिसाइल युद्धपोत बनाने हेतु करीब 10 हजार करोड़ के ठेके के लिए कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड की बोली सबसे कम पाई गई है। कंपनी के मुताबिक इस संबंध में सभी आवश्यकताओं पर विचार करने के बाद ही ठेके को अंतिम रुप दिया जाएगा।

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नहीं होगा रसायनिक हमले का असर
बता दें कि अर्जुन टैंक में 71 बड़े बदलाव करने के बाद एमके -1ए को तैयार किय गया है। यह किसी भी लक्ष्य का पीछा कर उस पर हमला करने में सक्षम है। इस पर ग्रेनेड और मिसाइल से हमले का कोई असर नहीं होगा। रसायनिक हमले से सुरक्षा के लिए इसमें स्पेशल सेंसर लगाए गए हैं।

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