केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने मुख्यमंत्री गहलोत को दी बहस की चुनौती, ये है प्रकरण

केंद्रीय मंत्री गजेंज्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री गहलोत पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सारी एजेंसियां उनके पास हैं। एजेंसियों को जितना दुरुपयोग कर सकते थे, उतना उन्होंने किया है,

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केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भ्रष्टाचार को लेकर न केवल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके पुत्र को घेरा, बल्कि संजीवनी मामले को लेकर मुख्यमंत्री को खुले मंच पर बहस की चुनौती भी दी। शेखावत ने कहा कि सौ रुपये के शेयर खरीदकर 40 हजार रुपये में मलेशिया की कंपनी को बेचकर करोड़ों रुपये के कालेधन को सफेद करने का काम वो करते हैं और आरोप मुझ पर लगाते हैं। अपने गिरेबां में झांककर देखें, कालिख के अलावा कुछ नहीं मिलेगा।

शेखावत 15 जून की देर रात पोकरण में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। मुख्यमंत्री के बार-बार उन पर आरोप लगाने के सवाल पर शेखावत ने कहा कि जो बौखलाहट उनके बेटे को और उनके राजनीतिक अस्तित्व को पश्चिमी राजस्थान में जोधपुर के मतदाताओं ने दी है। आठों विधानसभा क्षेत्रों में जिस तरह से करारी हार का सामना को उनको देखना पड़ा। उसके चलते जो खीज, खिसियाहट और बौखलाहट है, वह बौखलाहट उनके बयानों से दिखाई देती है। वह बौखलाहट उनके बयानों से बाहर आती है।

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एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सारी एजेंसियां उनके पास हैं। एजेंसियों को जितना दुरुपयोग कर सकते थे, उतना उन्होंने किया है, लेकिन उसके बाद भी उनके वकीलों को कोर्ट में खड़े होकर स्वीकार करना पड़ा कि गजेंद्र सिंह का न तो किसी एफआईआर में नाम है, न किसी चार्जशीट में नाम है। शेखावत ने कहा कि आपके पास सारी एजेंसी हैं। जब आप पुलिस का दुरुपयोग करने की कोशिश कर रहे थे, तब मैं हाईकोर्ट में जमानत के लिए नहीं अपितु इस झूठी बेबुनियाद जांच को रोकने की प्रार्थना लेकर सेक्शन 482 सीआरपीसी के तहत प्रार्थना लेकर न्यायालय में गया था। हाईकोर्ट ने ऑर्डर किया है कि इसमें आप कोई भी कदम नहीं उठाओगे। जो मुख्यमंत्री देशभर में जाकर इस बात के लिए बयान देते हैं कि एजेंसियों का दुरुपयोग भारत सरकार कर रही है। एजेंसी के दुरुपयोग का नायाब उदाहरण कही है तो वह राजस्थान में है।

राजस्थान में अराजकता की सरकार
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गजेंद्र सिंह पर जितने काम हो रहे हैं, वे तो अलग हैं। वकीलों को उठाकर जेल में ठूंसा गया है। बिना किसी अपराध के एक वकील को 10 महीने तक जेल में रखा। उसका सिर्फ अपराध इतना था कि आपके किए हुए भ्रष्टाचार को उसने उजागर करके कोर्ट से ऑर्डर करा दिया था। पत्रकार ने एक टिप्पणी आपकी सरकार के खिलाफ की, उसके खिलाफ आपने पाॅक्सो में मुकदमा दर्ज कराया। राजस्थान में जिस तरह से अराजकता की सरकार काम कर रही है, यह बौखलाहट और खिसियाहट है। सत्ता नीचे से खिसक रही है। उसके खिसकने की खिसियाहट से वो इस तरह से दोषारोपण करके लाछंन लगाने की कोशिश करते हैं।

गहलोत को दी चुनौती
शेखावत ने दो टूक कहा कि हिम्मत है तो आज चुनौती देकर यहां से कहता हूं, वो और उनके वकील हिंदुस्तान के किसी भी मंच पर खड़े हो जाएं और वहां खड़े होकर मेरे सामने इस पर बहस करें। वकीलों को लेकर बहस करें, मुझे किस तरह से दोषी ठहरा रहे हैं, वरना किरोड़ी लाल ने आरोप लगाए हैं, मैं उन आरोपों को उस मंच पर खड़े होकर सिद्ध कराऊंगा। उनके और उनके बेटे ने किस तरह का भ्रष्टाचार किया है।

साले मोहम्मद पर साधी निशाना
पोकरण विधानसभा क्षेत्र में विकास के मुद्दे पर शेखावत ने कहा कि साले मोहम्मद पिछले साढ़े चार साल से विधायक हैं। पोकरण क्षेत्र में लगभग 40 हजार घर ऐसे थे, जिनमें बिजली नहीं थी, क्यों उन्होंने बिजली नहीं पहुंचाई। वह बिजली अभी पहुंची है। जोधपुर लोकसभा क्षेत्र में 70,000 परिवार ऐसे थे, जो बेघर थे, उनको घर पीएम मोदी दे रहे हैं। पोकरण विधानसभा क्षेत्र और जोधपुर लोकसभा क्षेत्र में नई सड़कें बनीं। जोधपुर से पोकरण, जैसलमेर, रामदेवरा, बीकानेर तक नेशनल हाईवे बने हैं। कांडला से अमृतसर के बीच एक्सप्रेस-वे बन रहा है। रेल लाइन दोहरीकरण हो गया है। ट्रैक का इलेक्ट्रिफिकेशन हो गया है। अस्पताल नए बन गए हैं। जितने भी वैलनेस सेंटर बने हैं, वे सब भारत सरकार की धनराशि से बने हैं। यह विकास उनको दिखाई नहीं देता।

स्कीम को लेकर साधा निशाना
स्थानीय विधायक के बॉर्डर एरिया में स्कीम बंद करने के सवाल पर शेखावत ने कहा कि बीआरटीएफ नाम से कोई स्कीम नहीं है, स्कीम का नाम था बीएडीपी। वह कितने क्लास पढ़े हैं, मुझे पता नहीं, उनको स्कीम का सही नाम पता नहीं है। बीएडीपी स्कीम को बंद नहीं किया है। बीएडीपी स्कीम में जिस तरह से कुछ संकट थे। राजनीति के आधार पर जिस तरह से जहां विकास होना चाहिए, बिल्कुल सीमावर्ती गांव को छोड़कर जैसलमेर में कलेक्टर साहब के बंगले में इंटीरियर कराया जा रहा था। कलेक्टर साहब के घूमने के लिए गाड़ी खरीदी जा रही थी। ऐसे सीमावर्ती क्षेत्रों में जो दुरुपयोग हो रहा था, उसे रोकने के लिए नए सिरे से स्कीम को डिजाइन करके बनाया जा रहा है। एक बार हकीकत को समझकर फिर टिप्पणी करनी चाहिए।

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