‘दीदी’ की पार्टी में क्यों मची है भगदड़?

पार्टी के मंत्री और वरिष्ठ नेता भले ही प्रशांत किशोर और अभिषेक बनर्जी की रणनीति और दीदी से उनकी बढ़ती राजनैतिक करीबी से बेहद खफा हों लेकिन ममता दीदी को इससे कोई फर्क पड़ता नजर नहीं आ रहा है।

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस पार्टी को लगातार जोर का झटका लगना जारी है। हालांकि अभी तक विधानसभा चुनाव का ऐलान होना बाकी है, लेकिन उससे पहले ही पार्टी के कई कद्दावर मंत्री-नेता दीदी का साथ छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम चुके हैं। इसके बावजूद ममता दीदी का मनोबल बना हुआ है। इसके पीछे चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर और दीदी के भतीजे अभिषेक बनर्जी का मजबूती से ममता के साथ खड़ा होना बताया जाता है।

इसलिए मची है भगदड़
पार्टी के मंत्री और वरिष्ठ नेता भले ही प्रशांत किशोर और अभिषेक बनर्जी की रणनीति और दीदी से उनकी बढ़ती राजनैतिक करीबी से बेहद खफा हों लेकिन ममता दीदी को इससे कोई फर्क पड़ता नजर नहीं आ रहा है। प्रशांत किशोर ने दीदी को जीताने का वादा किया है। उनकी रणनीति अभिषेक बनर्जी को भी पसंद आ रही है। लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेता नाराज हैं। उनका कहना है कि ये दोनों पार्टी को कार्पोरेट स्टाइल में चलाना चाहते हैं, जबकि अब तक पार्टी समाजसेवा और लोगों से संपर्क के आधार पर चलती रही है।

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इस बीच 30 जनवरी को तृणमूल कांग्रेस पार्टी के तीन और दबंग नेताओं ने टीएमसी को अलविदा कह दिया और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। इनमें राजीब बनर्जी, वैशाली डालमिया और प्रबीर घोषाल शामिल हैं। बता दें कि दिल्ली में इजरायल दूतावास के सामने हुए ब्लास्ट की वजह से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का पश्चिम बंगाल का दो दिवसीय दौरा रद्द कर देना पड़ा था। इस हालत में चॉपर प्लेन से तीनों नेताओं को दिल्ली बुलाया गया और फिर उन्हें बीजेपी में शामिल होने की औपचारिक घोषणा की गई। इस मौके पर भाजपा के महासचिव और पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय भी मौजूद थे।

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राजीब बनर्जी
तृणमूल कांग्रेस पार्टी के बागी नेता राजीब बनर्जी ने टीएमसी से पहले ही इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले उन्होंने पश्चिम बंगाल के विधानसभा से भी अपना इस्तीफा दे दिया था। वे हावड़ा जिले के डोमजूर विधानसभा से विधायक थे। 22 जनवरी को उन्होंने वन मंत्री छोड़ने का ऐलान किया था।

वैशाली डालमिया
23 जनवरी को टीएमसी से बल्ली की विधायक वैशाली डालमिया को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निष्कासित कर दिया गया था। वे बीसीसीई के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया की बेटी हैं।

प्रबीर घोषाल
26 जनवरी को उत्तरपाड़ा के टीएमसी विधायक प्रबीर घोषाल ने हुगली जिले की कोर कमेटी और हुगली जिले के प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया था। हुगली जिले में प्रबीर घोषाल टीएमसी के जिला संगठक के रुप मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं।

20 जनवरी को भी टीएमसी के कई नेता भाजपा में हुए थे शामिल
बता दें कि पिछले एक साल में 40 से ज्यादा पार्टी के बड़े नेता जहां दीदी की पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुके हैं, वहीं 20 जनवरी को भी पार्टी को एक और करारा झटका लगा था। पार्टी के विधायक अरिंदम भट्टाचार्य बीजेपी में शामिल हो गए थे। दिल्ली में पार्टी महासचिव और पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी में वे बीजेपी में शामिल हो गए थे।

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