Maratha Reservation: मनोज जरांगे के आंदोलन के पीछे शरद पवार का हाथ? जानिये, संगीता वानखेड़े का क्या है आरोप

“महाराष्ट्र को मनोज जरांगे ने पागल कर दिया है। वे शुरू से ही गलत रहे हैं। सरकार को जांच करानी चाहिए कि दंगे हुए या कराए गए।" संगीत वानखेड़े

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 Maratha Reservation: अजय महाराज बारसकर(Ajay Maharaj Barsakar) के बाद एक और मराठा महिला प्रदर्शनकारी संगीता वानखेड़े(Maratha women protestor Sangeeta Wankhede) ने मनोज जारांगे पाटील पर गंभीर आरोप लगाए हैं। “मनोज जारांगे पाटील ने महाराष्ट्र(Maharashtra) को पागल कर दिया, हिंसा क्यों हुआ?” संगीता वानखेड़े ने दावा किया कि मनोज जरांगे पाटील के आंदोलन के पीछे शरद पवार का हाथ(Sharad Pawar’s hand behind the movement) है। संगीता वानखेड़े मराठा आंदोलन में मनोज जारांगे पाटील के साथ सक्रिय थीं। आरक्षण के मुद्दे पर अलग होने के बाद संगीता वानखेड़े ने मनोज जरांगे की आलोचना की है और उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

संगीता वानखेड़े ने क्या कहा?
“महाराष्ट्र को मनोज जरांगे ने पागल कर दिया है। वे शुरू से ही गलत रहे हैं। सरकार को जांच करानी चाहिए कि दंगे हुए या कराए गए। महाराष्ट्र में ये दंगा तब हुआ, जब पुलिस ने लाठीचार्ज किया। पहले मीडिया को नहीं पता था कि मनोज जरांगे पाटील कौन हैं। लाठीचार्ज के बाद उनके सिर पर वार कर दिया गया। उनसे डॉ. प्रकाश अंबेडकर, राज ठाकरे, उद्धव ठाकरे, शरद पवार सभी ने उनसे मुलाकात की। इसके बाद लोगों ने मनोज जारंगे को सिर आंखों पर बिठा लिया। इसीलिए मैं उनसे जुड़ी। महाराष्ट्र और मैंने मनोज जरांगे पर एक साधारण व्यक्ति, अपनी भाषा बोलने वाले व्यक्ति के रूप में भरोसा किया। मैं एक महीने पहले तक उनके साथ थी, लेकिन अब मैं उनके साथ नहीं हूं।”

जैसे ही मनोज जारंगे पर शक हुआ…
“यहां तक ​​कि जब नामदेवराव जाधव का अपमान किया गया, तब भी मनोज जरांगे ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि मंगेश साबले कौन है। मैंने इस मनोज जारंगे का पक्ष लेते हुए भुजबल को ट्रोल किया। लेकिन मेरे बारे में गंदी भाषा का इस्तेमाल किया गया। उस वक्त मेरे पास फोन कॉल्स, फेसबुक कॉल्स आईं। वे सब कहना चाहते थे मैं खुद को अकेला महसूस न करूं। मैं अकेली महसूस न करूं। मैं तब बहुत परेशान हो गई थी। मैंने रिकॉर्डिंग सुनी है इसलिए ये कह रही हूं। मैं पिछले डेढ़ महीने से उनका विरोध कर रही हूं। मैं सोशल मीडिया पर हूं। उदयनराजे के साथी मुझे बुला रहे हैं। मेरे पीछे छत्रपति का सिंहासन है, लेकिन यह आदमी सहानुभूति दिखाने के नाम पर भी कुछ नहीं कहता।”

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मनोज जारंगे के आंदोलन के पीछे शरद पवार!
“मनोज जारंगे ने पार्टी के किसी भी नेता को ठीक से जवाब नहीं दिया। जब शरद पवार उनसे मिलने गए तो उनकी भाषा बदली हुई थी। उस समय मुझे लगा कि मराठों को आरक्षण मिल रहा है ना? यह अच्छा है। इसलिए मैंने समर्थन किया।” संगीता वानखेड़े ने यह भी आरोप लगाया कि,” जब शरद पवार गुट के एनसीपी कार्यकर्ताओं पर हमला होता है तो वे तुरंत मामला वापस लेने की मांग करते हैं। यह आदमी वही चाहता है, जो शरद पवार चाहते हैं। इसके पीछे शरद पवार हैं।  शरद पवार की पार्टी ख़त्म हो चुकी है। तो वहां केवल भ्रम और अराजकता है।”

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