जी-20 में रूस ने बदला सुर! चालबाज चीन के नए नक्शे का किया विरोध तो बीजिंग ने कही ये बात

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि जी-20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है और चीन-भारत संबंध कुल मिलाकर स्थिर है।

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चीन का नया नक्शा दुनिया को स्वीकार नहीं हो रहा है। अब रूस ने भी चीन के नए नक्शे का विरोध किया है। हर ओर से विरोध के बाद चीन के सुर बदले हैं और बीजिंग ने जी-20 में सबके साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार होने की बात कही है।

चीन ने पिछले दिनों नया नक्शा जारी किया है। भारत, नेपाल, ताइवान, मलेशिया सहित दुनिया के कई देशों ने इस नक्शे का विरोध किया है। अब रूस की ओर से भी विरोध के स्वर आए हैं। चीन ने अपने नए नक्शे में बोलशॉय, उसूरिस्की, हीक्सियाजी द्वीपों को शामिल किया है। रूस ने इसका विरोध कर कहा है कि आमुर नदी के इन द्वीपों का मसला 15 साल पहले ही हल हो चुका है।

जी-20 समूह को अहमियत
नक्शा विवाद के बीच चीन के सुर बदले हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि चीन हमेशा जी-20 समूह को अहमियत देता है। वह प्रासंगिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से हिस्सा भी लेता है। आगामी नौ व दस सितंबर को भारत की राजधानी नई दिल्ली में होने वाले शिखर सम्मेलन पर उन्होंने कहा कि चीन इस साल के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने में भारत का समर्थन करता है और जी-20 शिखर सम्मेलन को सफल बनाने के लिए सभी पक्षों के साथ काम करने के लिए तैयार है।

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चीन-भारत संबंध स्थिर
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि जी-20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है और चीन-भारत संबंध कुल मिलाकर स्थिर है। दोनों पक्षों ने विभिन्न स्तरों पर बातचीत और संपर्क बनाए रखा है। इससे दोनों देशों और दोनों देशों के लोगों के साझा हितों की पूर्ति होती है। चीन द्विपक्षीय संबंधों को और बेहतर बनाने एवं आगे बढ़ाने के लिए भारत के साथ काम करने के लिए तैयार है।

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