हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस टूटी तो क्या होगा ? जानने के लिए पढ़ें यह खबर

कांग्रेस आलाकमान के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वह प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी के बीच मुख्यमंत्री किसे बनाए।

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हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस का मुख्यमंत्री कौन होगा ? इसको लेकर संग्राम छिड़ गया है। सांसद प्रतिभा सिंह और प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू के बीच विवाद लगाता बढ़ता जा रहा है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सभी गुटों से बातचीत करने में लगे हैं। लेकिन हिमाचल प्रदेश कांग्रेस भवन में जिस तरह से सुखविंदर सिंह सुक्खू के समर्थकों ने सांसद प्रतिभा सिंह के खिलाफ नारेबाजी की, उससे साफ हो गया है की सुखविंदर सिंह सुक्खू किसी भी कीमत पर प्रतिमा सिंह को मुख्यमंत्री पद देना स्वीकार नहीं करेंगे।

प्रतिभा सिंह और सुखविंदर सिंह सुक्खू के बीच बढ़ा टकराव
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कांग्रेस के लिए सभी गुटों को मनाना आसान काम नहीं है। कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि प्रतिभा सिंह और सुखविंदर सिंह सुक्खू की सीएम पद पाने की लोलुपता के चलते कांग्रेस टूट सकती है। कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में 68 में से 40 सीटे मिली हैं, जबकि बीजेपी के पास 25 सीटे हैं। कांग्रेस आलाकमान के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वह प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी के बीच मुख्यमंत्री किसे बनाए। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह, सुखविंदर सिंह सुक्खू और मुकेश अग्निहोत्री के अलावा भी कई सीएम पर के दावेदार हैं। कांग्रेस आलाकमान यदि प्रदेश की सत्ता प्रतिभा सिंह को सौंपती है तो पार्टी में अंदरूनी कलह बढ़ सकती है और पार्टी टूट सकती है। बता दें कि वीरभद्र सिंह के बाद कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर कई चेहरे उभरे हैं।

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बीजेपी की पूरे मामले पर नजर
इस पूरे मामले पर बीजेपी नजर बनाए हुए है। कांग्रेस में अंदरूनी कलह के चलते पार्टी टूटती है तो बीजेपी इस अवसर को किसी भी कीमत पर अपने हाथ से जाने नहीं देगी। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना कि कांग्रेस पार्टी में जिस तरह से दो बड़े नेता सत्ता को लेकर आपस में लड़ रहे हैं, उससे कांग्रेस टूट सकती है। यदि कांग्रेस टूटती है तो उसका फायदा भाजपा को होगा। हालांकि, अभी तक इस मामले में कांग्रेस आलाकमाना चुप्पी साधे हुए है। अब सबकी निगाहें लगी हुई हैं कि पार्टी आलाकमाान क्या फैसला लेता है, क्या वह हिमाचल प्रदेश में हाथ में आई सत्ता को बचाएगा या फिर मुख्यमंत्री पद को लेकर हाथ में आई सत्ता को गवां देगा। क्योंकि यदि यहां पार्टी टूटी तो कांग्रेस के हाथ से सत्ता का जाना तय है।

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