Rajasthan Assembly Elections: कई जगह झड़प, बवाल और बूथ कैप्चरिंग का प्रयास, धौलपुर में फायरिंग, जानिये कितने लोगों की गई जान

मतदान के लिए प्रदेश में 5 करोड़ 26 लाख 90 हजार 146 मतदाताओं को चुनावी समर में डटे 1862 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करने का अधिकार दिया गया था।

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 राजस्थान की 199 विधानसभा सीटों पर शनिवार को शाम 6 बजे मतदान खत्म हो गया। मतदान के लिए प्रदेश में 5 करोड़ 26 लाख 90 हजार 146 मतदाताओं को चुनावी समर में डटे 1862 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करने का अधिकार दिया गया था। मतदान सुबह 7 से शाम 6 बजे तक चला। चुनाव आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारियों के सहयोग से जिलों में शांतिपूर्ण मतदान के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए थे। प्रदेश में अधिकांश स्थानों पर शांतिपूर्ण मतदान के बावजूद कुछ स्थानों पर झड़प, बवाल और बूथ कैप्चरिंग का प्रयास किया गया। धौलपुर में तो फायरिंग तक हुई। दुखद यह रहा कि मतदान के दौरान चार स्थानों पर मतदाताओं, पोलिंग एजेंट समेत अन्य कार्यकर्ताओं की मौत हो गई। अभी भी कुछ बूथों पर मतदान चल रहा है। शाम 5 बजे तक प्रदेश में 68.24 फीसदी मतदान हुआ है। अब मतगणना 3 दिसंबर को होगी।

सीकर की फतेहपुर विधानसभा सीट से मतदान के बीच दो पक्ष आपस में भिड़ गए और माहौल खराब हो गया। बताया गया है कि पुलिस को स्थितियां संभालने के लिए यहां हवाई फायर भी करना पड़ा। फतेहपुर स्थित बोचीवाल भवन के पीछे स्थित एक मोहल्ले में किसी बात को लेकर दो गुटों के बीच पहले कहासुनी हुई और फिर देखते ही देखते मारपीट होने लगी। विवाद इतना ज़्यादा बढ़ गया कि दोनों गुटों ने एक-दूसरे पर जमकर पथराव किया। दोनों तरफ से बेकाबू हुई स्थितियों से मौके पर तनाव की स्थिति बन गई। दोनों पक्षों के बीच पथराव की इस घटना से स्थानीय क्षेत्र के लोग इतने डरे-सहमे रहे कि उन्होंने अपने-अपने घरों में दुबककर जान बचाई। इधर, सूचना मिलने के बाद पुलिस और चुनाव ड्यूटी में तैनात अन्य सुरक्षा कर्मी मौके पर पहुंचे और स्थिति संभाली।

मतदान के दौरान चार मौतें
राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए मतदान दिवस के दिन दो जगहों से बुरी खबर आई। दोनों ही घटनाएं चलते मतदान के दौरान हुई, जिसने संबंधित मतदान केंद्र पर हड़कंप मचा कर रख दिया। एक जगह जहां मतदान केंद्र पहुंचे बुज़ुर्ग वोटर की अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल में मौत हुई, तो वहीं एक जगह पोलिंग एजेंट की हार्ट अटैक आने से मौत हो गई। झालावाड़ के खानपुर स्थित एक मतदान केंद्र में वोट डालने पहुंचे एक 70 वर्षीय बुज़ुर्ग की अचानक तबीयत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई। बकानी क्षेत्र के मोल्क्या कलां गांव में कन्हैयालाल नाम के एक बुज़ुर्ग कतार में लगकर अपनी बारी का इंतज़ार कर रहे थे। इसी दौरान कतार में खड़े-खड़े ही वे बेसुध हो गए और गश खाकर ज़मीन में गिर पड़े। मतदान केंद्र पर पहुंचे अन्य वोटर्स और वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों ने कन्हैयालाल को सम्भाला और उन्हें नज़दीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। यहां चिकित्सकों ने उनका स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि बुज़ुर्ग वोटर को हार्ट अटैक आया था। हालांकि इस घटना के बीच मतदान केंद्र पर वोटिंग का काम लगातार जारी रहा।

पाली के सुमेरपुर विधानसभा क्षेत्र में एक पोलिंग एजेंट की हृदय गति रुकने से मौत होने की घटना ने भी सभी को स्तब्ध कर दिया। यह हादसा मनिहारी गांव के एक बूथ का बताया जा रहा है। मृतक पोलिंग एजेंट की पहचान 65 वर्षीय शांतिलाल राजपुरोहित के तौर पर बताई गई। बताया ये भी गया है कि शांतिलाल भाजपा प्रत्याशी के एजेंट के तौर पर तैनात था। लेकिन आज सुबह अचानक उन्हें हार्ट अटैक आया जिनकी बाद में मौत की पुष्टि हुई। इस घटना के दौरान कुछ देर के लिए मतदान ज़रूर रुका था। शव को पाली अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है। उदयपुर ग्रामीण के एक पोलिंग बूथ पर 69 साल के वोटर्स की कुछ ऐसी ही मौत हुई। अजमेर जिले के पुष्कर विधानसभा में 81 साल के त्रिलोक चंद नाहर की मतदान के बाद घर पहुंचते ही मौत हो गई। त्रिलोक चंद पुष्कर शहर के सावित्री मोहल्ला के रहने वाले थे।

यहां ग्रामीणों ने किया मतदान का बहिष्कार
राजधानी जयपुर के पलवाला जाटान गांव के ग्रामीणों ने क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए चुनाव का बहिष्कार किया। ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार इसलिए किया है क्योंकि पिछले कई सालों से उनकी मांग है कि गांव को तुंगा से जोड़ा जाए। हालांकि, किसी भी सरकार ने उनकी मांग को अभी तक पूरा नहीं किया। यहां मतदान शुरू होने से लेकर शाम तक गांव से एक भी ग्रामीण बूथ पर वोट डालने नहीं पहुंचा। ये ग्रामीण पिछले सात चुनावों का भी बहिष्कार कर चुके हैं। राज्य सरकार एवं अधिकारियों की उदासीनता और समस्याओं के समाधान में जन प्रतिनिधियों की निष्क्रियता से नाराज गांव के लोगों ने इस बार भी चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया। पोलिंग बूथ संख्या 155 पर तैनात एसडीएम, एसीपी फूलचंद मीना और पुलिसकर्मी मतदान के लिए ग्रामीणों का इंतजार करते रहे। सूत्रों के अनुसार, प्रशासन के आग्रह पर केवल 6 से 7 राज्य कर्मचारियों ने वहां मतदान किया।

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जयपुर के सिविल लाइंस में झड़प
जयपुर के सिविल लाइंस विधानसभा क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में झड़प हो गई। एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर किडनैप कर ले जाने का भी आरोप लगाया। स्थानीय जनता के बीच पर आने पर आरोपी मौके से गाड़ी लेकर फरार हो गए। इस संबंध में सोडाला थाना पुलिस ने तीन लोगों को शांतिभंग में गिरफ्तार किया है। जयपुर (दक्षिण) डीसीपी योगेश गोयल ने बताया कि सुशीलपुरा में झगड़े की सूचना मिली थी। इसके बाद सोडाला थाना पुलिस को मौके पर भेजा गया। गोयल का कहना है कि सुशीलपुरा के बूथ संख्या 157 पर कुछ लोगों का भाजपा कार्यकर्ता दीपक शर्मा के साथ झड़प हो गई थी। वहीं भाजपा ने आरोप लगाया है कि उनके कार्यकर्ता दीपक शर्मा के साथ ना सिर्फ मारपीट की गई बल्कि अपहरण का भी प्रयास किया गया। बीजेपी के कार्यकर्ता दीपक शर्मा ने बताया कि वह पहले कांग्रेस पार्टी का कार्यकर्ता था, लेकिन एक महीने पहले बीजेपी ज्वाइन की। इसके चलते ही उसके साथ मारपीट की गई और गाड़ी में डालकर ले जाने का प्रयास किया। हालांकि आस-पास खड़े लोगों ने उनको भगाया तो वह बच गया।

राज्यवर्धन धरने पर बैठे
जयपुर के झोटवाड़ा विधानसभा सीट के एक मतदान केंद्र पर खासा हंगामा हुआ। यहां फ़र्ज़ी वोटिंग की शिकायत ने देखते ही देखते इतना ज़्यादा तूल पकड़ लिया कि भाजपा प्रत्याशी राज्यवर्धन सिंह ना सिर्फ मौके पर पहुंचे बल्कि उन्होंने यहां धरने पर बैठकर अपना विरोध भी दर्ज करवाया। इस घटनाक्रम का पता चलने पर कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक चौधरी भी मौके पर पहुंच गए। कांग्रेस-भाजपा के दोनों प्रत्याशियों और उनके समर्थकों के एक जगह पर पहुंचने से कुछ देर के लिए तनाव की स्थिति बनी रही। ये पूरा घटनाक्रम झोटवाड़ा के सिंवार ग्राम पंचायत स्थित पोलिंग बूथ पर हुआ। दोपहर बाद जब यहां फ़र्ज़ी मतदान होने की खबर फैली तो विवाद बढ़ता चला गया। बताया गया है कि कुछ वोटर्स के यहां पहुंचने पर पता चला कि उनके नाम से पहले ही कोई अन्य व्यक्ति ने वोट कर दिया है। बस फिर क्या था, मतदान केंद्र के नज़दीक तैनात भाजपा की पोलिंग टीम ने इसकी जानकारी प्रत्याशी राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को दी। कुछ ही पलों में मौके पर पहुंचे प्रत्याशी राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने फ़र्ज़ी मतदान की शिकायत को गंभीर माना और चिंता जताई। कुछ ही देर में राठौड़ वहीं पर धरने पर बैठ गए और इस पोलिंग बूथ पर मतदान निरस्त करने और री-पोलिंग की मांग उठाई। इसके बाद कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक चौधरी और उनके समर्थक भी पहुंच गए। इस घटनाक्रम के बीच मतदान केंद्र पर कुछ देर के लिए मतदान बाधित रहा। हालांकि मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने दोनों प्रत्याशियों को समझा-बुझाकर मामला शांत करवाया जिसके बाद पोलिंग शुरु हुई।

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