प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वर्चुअल माध्यम से अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज-एमवी गंगा विलास को हरी झंडी दिखाकर असम डिब्रूगढ़ के लिए रवाना किया। इसके बाद टेंट सिटी का भी बटन दबाकर उद्घाटन किया। कार्यक्रम में ही प्रधानमंत्री ने लगभग 1000 करोड़ रुपए से अधिक की कई अन्य अंतर्देशीय जलमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इसमें हल्दिया में मल्टी मॉडल टर्मिनल का उद्घाटन भी शामिल रहा।
भारत को शब्दों में नहीं किया जा सकता परिभाषित
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गंगा हमारे लिए सिर्फ जलधारा भर नहीं है। गंगा भारत की तप-तपस्या की साक्षी भी है। भारत की स्थितियां और परिस्थितियां कैसी भी रही हों, मां गंगे ने हमेशा कोटि-कोटि भारतीयों को पोषित किया है, प्रेरित किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज मेरी काशी से डिब्रूगढ़ के बीच दुनिया की सबसे लम्बी जलयात्रा गंगा विलास क्रूज का शुभारंभ हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस क्रूज में सवार विदेशी पर्यटक साथियों से कहूंगा कि भारत के पास सब कुछ है। भारत को शब्दों में परिभाषित नहीं किया जा सकता है। क्रूज में सवार पर्यटकों को हिंदुस्तान की धर्म, कला, संस्कृति, पर्यावरण, नदियों और समृद्ध खानपान से रूबरू होने का अवसर मिलेगा।
Beginning of cruise service on River Ganga is a landmark moment. It will herald a new age of tourism in India. https://t.co/NOVFLFrroE
— Narendra Modi (@narendramodi) January 13, 2023
नदी जलमार्ग बनेगा भारत का नया सामर्थ्य
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह क्रूज जहां से भी गुजरेगा वहां विकास की नई लाइन तैयार करेगा। शहरों के बीच लंबी रिवर क्रूज यात्रा के अलावा हम छोटे क्रूज को भी बढ़ावा देंगे। इसके लिए देश में हर प्रकार की सुविधाएं विकसित की जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नदी जल मार्ग अब भारत का नया सामर्थ्य बनेगा। गंगा विलास क्रूज की शुरुआत होना साधारण बात नहीं है। उन्होंने कहा कि 3200 किलोमीटर से ज्यादा लंबा यह सफर भारत में इनलैंड वाटर-वे के विकास का उदाहरण है। 2014 से पहले देश में वॉटर-वे के थोड़ा-बहुत ही उपयोग था। यह हाल तब था जबकि भारत में वॉटर-वे का पुरातन इतिहास था। 2014 के बाद हमने देश की बड़ी नदियों में जलमार्ग के विकास के लिए कानून बनाए। 2014 में पांच राष्ट्रीय जलमार्ग देश में थे। आज 24 राज्यों में 111 जलमार्गों को विकसित करने पर काम हो रहा है।