पाकिस्तान की राह पर श्रीलंकाः क्या इस जुगाड़ से राजपक्षे बचा पाएंगे अपनी सरकार?

श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया गया है। उससे पहले राजपक्षे ने सरकार बचाने की आखिरी कोशिश की है।

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श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और उनकी सरकार को लेकर आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। 17 अप्रैल रात आंदोलनकारियों ने राष्ट्रपति सचिवालय पर बिजली की रोशनी से राजपक्षे के इस्तीफे की मांग उकेर दी। 19 अप्रैल से शुरू हो रहे संसद सत्र में विपक्ष ने राजपक्षे सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है। उससे पहले ही राजपक्षे ने नया मंत्रिमंडल गठित कर सरकार बचाने की कोशिश की है।

श्रीलंका में आर्थिक व राजनीतिक संकट
जानकारी के अनुसार श्रीलंका में आर्थिक व राजनीतिक संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है। विपक्ष राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे व उनकी सरकार के इस्तीफे की मांग पर अड़ा हुआ है। विपक्ष को देश का भरपूर समर्थन मिल रहा है। बीते कई दिनों से प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति सचिवालय के बाहर से हटने का नाम नहीं ले रहे हैं। 17 अप्रैल रात इन प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति सचिवालय की दीवारों पर बिजली की रोशनी से ‘गो गोटा गो’ यानी ‘जाओ गोटबाया जाओ’ सहित विविध नारे लिखकर राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग की।

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अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला
इस बीच विपक्ष 19 अप्रैल से शुरू हो रहे संसद सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला कर चुका है। विपक्ष के इस फैसले पर अमल से पहले ही राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने 17 नए मंत्रियों को शामिल कर नया मंत्रिमंडल गठित किया है। इस तरह गोटबाया मंत्रिमंडल में उनके और प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे सहित 19 मंत्री हो जाएंगे।

अनुभवहीन मंत्रिमंडल का आरोप
इसी महीने की शुरुआत में बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों के कारण श्रीलंका के पूरे मंत्रिमंडल ने इस्तीफा दे दिया था। अब विपक्ष अनुभवहीन मंत्रिमंडल गठित करने के राष्ट्रपति के निर्णय का विरोध कर रहा है।

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