बेटी और सिपहसालारों के हाथ एनसीपी, क्या शिवसेना की राह पर है पार्टी?

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने पार्टी के स्थापना दिवस पर प्रफुल्ल पटेल और सुप्रिया सुले को एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की घोषणा की है। इस फैसले को अजित पवार के लिए झटका भी माना जा रहा है।

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एनसीपी (NCP) में बड़ा बदलाव हुआ है, कार्याध्यक्ष (Working President) के रूप में सुप्रिया सुले (Supriya Sule) को संगठन में लिया गया है। साथ ही शरद पवार के नजदीकी प्रफुल्ल पटेल (Praful Patel) को भी कार्याध्यक्ष बनाया गया है। लेकिन एनसीपी की इस सूची में अजित पवार (Ajit Pawar) का नाम कहीं नहीं है। इसके बाद राजनीतिक धड़े में यह चर्चा है कि, क्या बालासाहेब ठाकरे (Balasaheb Thackeray) के काल में जो गति राज ठाकरे (Raj Thackeray) की हुई थी, वही स्थिति अजित पवार की भी होगी?

शनिवार को एनसीपी ने संगठनात्मक बदलाव की घोषणा की। इसके लिए एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार दिल्ली में थे, उन्होंने वहीं सभी शीर्ष नेताओं को बुलाया था। जहां पर आशाओं के अनुसार सुप्रिया सुले के हाथ संगठन की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। हालांकि, इस जिम्मेदारी के साथ अन्य नेताओं को भी नई जिम्मेदारियां दी दई हैं, लेकिन खाली हाथ रह गए हैं दादा अजित पवार।

शरद पवार ने पार्टी के 25वें स्थापना दिवस पर यह ऐलान किया। सुप्रिया को कार्यकारी अध्यक्ष के अलावा महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब राज्यों का प्रभारी भी बनाया गया है। जबकि प्रफुल्ल पटेल को मध्य प्रदेश, राजस्थान और गोवा की जिम्मेदारी दी गई है।

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क्या बोले छगन भुजबल?
एनसीपी नेता छगन भुजबल ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कार्यकारी अध्यक्ष की घोषणा से चुनाव का काम और लोकसभा-राज्यसभा का काम बंट जाएगा। चुनाव नजदीक होने के कारण उनके कंधों पर और जिम्मेदारी सौंपी गई है। 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए यह एक महत्वपूर्ण घोषणा है।

सुप्रिया सुले ने कहा
कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने पर सुप्रिया सुले ने कहा, मैं पवार साहब, सभी वरिष्ठ नेता, पार्टी के साथी, पार्टी के कार्यकर्ता और शुभचिंतकों का आभार व्यक्त करती हूं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को और मजबूत करने के लिए मैं आप सभी के साथ मिलकर काम करूंगी।

अजित ने शरद पवार के इस्तीफे का समर्थन किया था
दो महीने पहले जब शरद पवार ने अचानक एनसीपी अध्यक्ष पद छोड़ने का ऐलान कर दिया था। तब अजित पवार अकेले ऐसे नेता थे जिन्होंने शरद पवार के इस्तीफे का समर्थन किया था और पार्टी के अन्य नेताओं से इसका सम्मान करने को कहा था। हालांकि बाद में पार्टी के कहने पर शरद पवार ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया था।

अजित पवार को किया नजरअंदाज
शरद पवार के इस फैसले को अजित पवार के लिए झटका भी माना जा रहा है। हालांकि, अजित पवार की मौजूदगी में ही यह घोषणा की गई। शरद पवार ने 1999 में उनके और पीए संगमा द्वारा स्थापित पार्टी एनसीपी की 25वीं वर्षगांठ पर यह घोषणा की।

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