सिंधुदुर्ग में ‘नारायण-नारायण’… फिर लटकी कार्रवाई की तलवार, तो होगी छह महीने की जेल

भारतीय जनता पार्टी की जन आशीर्वाद यात्रा कणकवली पहुंच चुकी है। इसे नारायण राणे का गढ़ माना जाता है।

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केंद्रीय मंत्री नारायण राणे अपने गृहक्षेत्र में जन आशीर्वाद यात्रा के साथ पहुंचे हैं। इसके पहले ही स्थानीय प्रशासन ने जिले में जमाव बंदी लागू कर दिया था। परंतु, इस सबके बाद भी रात में कणकवली में प्रवेश करते ही राणे के समर्थकों ने जंगी स्वागत किया। इस भीड़भाड़ पर रोक के लिए प्रशासन ने जो जमावबंदी लगाई है उसका उद्देश्य ही जनता की भीड़ में खो गया प्रतीत होता है। इसलिए राजनीतिक क्षेत्र में चर्चा है कि अब नारायण राणे और उनके समर्थकों पर जमाव बंदी नियम के उल्लंघन की कार्रवाई हो सकती है।

नारायण राणे का गृहक्षेत्र है कणकवली, यहां पर राणे और शिवसेना के बीच सीधी टक्कर रही है। नारायण राणे के भारतीय जनता पार्टी में आने के बाद भाजपा का जनाधार बढ़ा है। दूसरी ओर रत्नागिरी की कसर और कार्रवाई का उत्तर अब कणकवली की भूमि में शक्ति प्रदर्शन के माध्यम से राणे दे सकते हैं। जिले में स्थानीय प्रशासन ने धारा 144 (जमाव बंदी) लागू कर दी है। परंतु, अपने स्ट्रॉंग होल्ड में पहुंचने वाले राणे के लिए उनके समर्थक नारायण राणे का ही नाम लेते मिले।

ये हो सकती है कार्रवाई
अपने संसदीय क्षेत्र में पहुंचे नारायण राणे को जिस प्रकार से स्वागत और जन समर्थन मिल रहा है, उससे प्रशासन के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। यदि जिला प्रशासन धारा 144 (जमाव बंदी) के अंतर्गत कार्रवाई करती है तो निन्मलिखित कार्रवाई हो सकती है।

  • नारायण राणे और उनके समर्थकों पर हो सकता है मामला दर्ज
  • छह महीने की हो सकती है सजा
  • एक हजार रुपए का अर्थ दंड
  • छह महीने की सजा और अर्थ दंड भी साथ-साथ लग सकता है
  • हथियार मिलने पर सजा तीन साल तक बढ़ सकती है

राणे अटैकिंग मोड में
नारायण राणे ने शुक्रवार को अपनी यात्रा शुरू की। उन्होंने, इसके साथ ही उत्तर देना भी शुरू कर दिया। हालांकि, वे अभी किसी का नाम नहीं ले रहे हैं पर निशाने पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके नेता हैं ऐसा माना जा रहा है।

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