MNS: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना को क्यों नहीं चाहिये दक्षिण मुंबई सीट? जानिये इस खबर में

अब MNS के चुनाव लड़ने की संभावना कम हो गई है। हालांकि भाजपा से दक्षिण मुंबई लोकसभा क्षेत्र को मनसे के लिए छोड़ने पर सहमति बन गई है, लेकिन मांग है कि एमएनएस की ओर से पार्टी नेता बाला नंदगांवकर को दक्षिण मुंबई से उम्मीदवार बनाया जाए,

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MNS: लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के शिवसेना-बीजेपी के साथ गठबंधन की चर्चा  है, लेकिन अब MNS के चुनाव लड़ने की संभावना कम हो गई है। हालांकि भाजपा से मुंबई में दक्षिण मुंबई लोकसभा क्षेत्र को मनसे के लिए छोड़ने पर सहमति बन गई है, लेकिन मांग है कि एमएनएस की ओर से पार्टी नेता बाला नंदगांवकर को दक्षिण मुंबई से उम्मीदवार बनाया जाए, लेकिन चूंकि बीजेपी ने ऐसा रुख अपनाया है कि अगर राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे को इस सीट से उम्मीदवार बनाया जाता है तो हम उन्हें जीतवा देंगे, इसलिए खबर है कि मनसे ने इस चुनाव में अपना उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है।

बाला नांदगांवकर के नाम पर थी चर्चा
चूंकि दक्षिण मुंबई, दक्षिण-मध्य मुंबई और उत्तर-पश्चिम मुंबई के तीन लोकसभा क्षेत्र शिवसेना के पास जाएंगे, इसलिए भाजपा ने यह रुख अपनाया था कि अगर वे मनसे से हाथ मिलाते हैं तो दक्षिण मुंबई निर्वाचन क्षेत्र उसके लिए छोड़ दिया जाएगा। वहीं इस सीट से मनसे नेता बाला नंदगांवकर का नाम भी खूब चर्चा में रहा। इसके लिए एमएनएस अध्यक्ष राज ठाकरे ने दिल्ली में बीजेपी के गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात भी की थी, वहीं चर्चा थी कि एमएनएस एनडीए में शामिल होगी। हालांकि, इस बैठक के बाद मनसे ने मीडिया को यह कहकर अपना बचाव किया कि उनकी सकारात्मक चर्चा हुई है और वे एक और बैठक करेंगे।

भाजपा ने सुझाया था अमित ठाकरे का नाम
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने दक्षिण मुंबई लोकसभा क्षेत्र पर बाला नंदगांवकर की जगह अमित ठाकरे का नाम सुझाया था। अगर अमित ठाकरे यह चुनाव लड़ते हैं तो सौ फीसदी जीतेंगे। बीजेपी के साथ-साथ शिवसैनिक और मानसैनिक का कुल एक-एक कार्यकर्ता उनके लिए जोर-शोर से काम करेगा और वह सबसे ज्यादा वोटों से निर्वाचित होंगे। इस तरह की रणनीति राज ठाकरे के सामने पेश की गई थी, लेकिन बेटे को राजनीति में लाने के बाद राज ठाकरे अपने अमित ठाकरे को दिल्ली नहीं भेजना चाहते बल्कि स्थानीय राजनीति में सक्रिय कर पार्टी को मजबूत करने पर ध्यान देना चाहते हैं।
इसलिए अगर अमित ठाकरे सांसद बनते हैं तो उनकी एमएनएस पार्टी को नजरअंदाज कर दिया जाएगा। कहा जा रहा है कि स्थानीय राजनीति में अमित का प्रभाव कम होने के डर से राज ठाकरे ने अमित को सांसद नहीं बनाने का फैसला किया है।

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अमित को विधायक बनाना चाहते हैं राज ठाकरे
मनसे अध्यक्ष अमित ठाकरे को विधानसभा चुनाव में उतारकर विधायक बनाने पर आमादा हैं, इसलिए, ठाकरे ने बीजेपी से आए अमित ठाकरे के नाम के विचार को नजर अंदाज कर दिया, अगर हम बाला नंदगांवकर को इस जगह उम्मीदवार के रूप में दे रहे हैं तो ठीक है, अन्यथा नहीं। उन्होंने बीजेपी के लिए इस तरह की स्थिति पेश की। इसलिए एमएनएस उम्मीदवार इस बार कहीं से चुनाव नहीं लड़ेगा। अब यह चर्चा जोरों पर है कि दक्षिण मुंबई लोकसभा क्षेत्र से शिवसेना छोड़कर राज्यसभा भेजे गए मिलिंद देवड़ा के नाम पर इस चुनाव में विचार किया जा रहा है।

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