Lok Sabha Elections 2024: जानें, कौन हैं मोहन लाल बड़ौली, जिन्हें भाजपा ने सोनीपत से बनाया उम्मीदवार

भारतीय जनता पार्टी ने सोनीपत से दो बार लोकसभा सांसद रहे रमेश कौशिक का टिकट काट कर मोहन लाल बड़ौली पर अपना विश्वास जताते हुए इनको लोकसभा चुनाव के लिए टिकट दे दिया है। इस बात की चर्चा हो रही है।

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Lok Sabha Elections 2024: भारतीय जनता पार्टी(Bharatiya Janata Party) ने सोनीपत(Sonipat) से दो बार लोकसभा सांसद रहे रमेश कौशिक(Ramesh Kaushik was Lok Sabha MP) का टिकट काट कर मोहन लाल बड़ौली(Mohan Lal Badoli) पर अपना विश्वास जताते हुए इनको लोकसभा चुनाव के लिए टिकट दे दिया है। इसके कारण भी हैं राजनीति में साफगोई, मृदु भाषी, समर्पित मानव प्रेमी, समाज सेवी की पहचान रखने वाले, इनेलो के राज में मुरथल से जिला परिषद का चुनाव(Zilla Parishad election from Murthal) जीतने वाले वह पहले भाजपा उम्मीदवार थे। मोहनाल लाल को 2019 में सोनीपत के राई निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार(BJP candidate from Rai constituency of Sonipat) के रूप में वह पहले भाजपा विधायक बनने में सफल होते हैं।

वर्ष 2019 में राई विधानसभा में 2,663 वोटों से जीत कर बने विधायक 
मोहन लाल बड़ौली को टकट देने के मायने जानिए वर्ष 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के सदस्य के रूप में राई से हरियाणा विधान सभा के लिए चुने गए। उन्होंने 1995 में मंडल अध्यक्ष (मुरथल) का पद संभाला। वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान जिला परिषद में चुने गए थे। वर्ष 2019 में उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ा और 2,663 वोटों के अंतर से जीता था। वह इस राई सीट से विधानसभा चुनाव जीतने वाले पहले बीजेपी उम्मीदवार हैं। इनकी विशेषा यह रही है कि मोहन लाल बड़ौली 1989 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सक्रिय सदस्य के रुप में कार्यरत रहे।

आजीविका के लिए किसानी के साथ-साथ अपना काराेबार किया
मोहन लाल के जीवन के बारे में जानते हैं। इनका इनका जन्म 1963 में हरियाणा के सोनीपत जिले की राई तहसील के गांव बड़ौली गांव में हुआ। उनके पिता, कली राम कौशिक, प्रतिष्ठित कवि थे और जांटी, सोनीपत के सूर्य कवि पंडित लखमी चंद की रागनियों में दिलचस्पी रखते थे। किसानी के साथ साथ उनका कारोबार भी रहा। मोहन लाल ने हाई स्कूल की पढ़ाई जीएसएसएस, खेवड़ा, सोनीपत से की। सोनीपत के बहालगढ़ चौक के पास कपड़ा मार्केट में दुकान चलाई।

मोहन लाल देशभक्ति और प्रभुभक्ति का अनुपम संगम
माेहन लाल राजनीति करने के साथ साथ धर्म के प्रति समर्पित रहे इनके संस्कार कार व्यवहार लोगों के दिलो छूता चला संघ में भी सेवा भाव से जुड़े रहे देशभक्ति और प्रभुभक्ति का अनुपम संगम इनके जीवन में देखने को मिला। विधायक बनने के बाद इन्होंने भारत के 68 तीर्थ में शामिल सिद्ध पीठ सतकुंभा तीर्थ धाम पर यज्ञशाला बनवाई और कहा कि यह संतों की कृपा से जनसेवा का मौका मिला है इसलिए समर्पित सेवा की। सीता राम बाबा का आभार जताया।

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ऐसा रहा है राजनीतिक सफर
मोहन लाल 1989 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल होने के बाद में भाजपा के सदस्य भी हो गए। वह सोनीपत क्षेत्र के बहुत कम भाजपा पार्टी कार्यकर्ताओं थे। इनेलो के राज में मुरथल से जिला परिषद का चुनाव जीतने वाले वह पहले भाजपा उम्मीदवार थे। मोहनाल लाल को 2019 में सोनीपत के राई निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में वह पहले भाजपा विधायक बनने में सफल हुए।

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