Maharashtraमें पिछली बार की तुलना में बढ़े इतने मतदान केंद्र, इस शहर में सबसे अधिक बूथ

महाराष्ट्र में 2004 के लोकसभा चुनाव में कुल 64,508 मतदान केंद्र थे। 2009 में कुल 83,986 मतदान केंद्र स्थापित किये गये थे। 2014 में कुल 91,329 मतदान केंद्र बनाये गये थे।

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Maharashtra में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए पिछली बार की तुलना में 2641 मतदान केंद्र बढ़ गए हैं। इस बार लोकसभा के लिए राज्य में 98,114 मतदान केंद्र होंगे। इन मतदान केंद्रों पर मतदाताओं के लिए सुविधा उपलब्ध कराने का काम जारी है। यह जानकारी राज्य चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने दी है।

मतदान केंद्र भी बढ़े
जानकारी के अनुसार, 2004 के लोकसभा चुनाव में कुल 64,508 मतदान केंद्र थे। 2009 में कुल 83,986 मतदान केंद्र स्थापित किये गये थे। 2014 में कुल 91,329 मतदान केंद्र बनाये गये थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में 95,473 मतदान केंद्र स्थापित किये गये थे। फिलहाल 98,114 मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे और जैसे-जैसे मतदाताओं का पंजीकरण चल रहा है, इन मतदान केंद्रों में बढ़ोतरी की संभावना है।

पुणे में सबसे अधिक मतदान केंद्र
इस बार सबसे ज्यादा मतदान केंद्र पुणे में संख्या 8382 हैं। इसके बाद मुंबई उपनगर में 7380 मतदान केंद्र, ठाणे में 6592, नासिक में 4800 और नागपुर में 4510 मतदान केंद्र, सिंधुदुर्ग में 918 और गढ़चिरौली में 950 मतदान केंद्र होंगे। सात जिलों में 3000 से ज्यादा मतदान केंद्र हैं। अहमदनगर में 3734, सोलापुर में 3617, जलगांव में 3582, कोल्हापुर में 3368, औरंगाबाद में 3085, नांदेड़ में 3047 और सतारा में 3025 मतदान केंद्र होंगे। इसी तरह 10 जिलों में 2000 से ज्यादा मतदान केंद्र हैं। रायगढ़ में 2719, अमरावती में 2672, यवतमाल में 2532, मुंबई शहर में 2517, सांगली में 2448, बीड में 2355, बुलढाणा में 2266, पालघर में 2263, लातूर में 2102 और चंद्रपुर में 2044 मतदान केंद्र होंगे। 2000 से कम मतदान केंद्रों वाले जिले इस प्रकार हैं – नंदुरबार 1412, धुले 1704, अकोला 1719, वाशिम 1076, वर्धा 1308, भंडारा 1156, गोंदिया 1288, हिंगोली 117, परभणी में 1587, जालना में 1719, उस्मानाबाद में 1503, रत्नागिरी में 1717 मतदान केंद्र होंगे।

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मतदान केंद्र का कैसे होता है निर्धारण
जानकारी के अनुसार, मतदान केन्द्र स्थापित करने के मापदण्ड, मतदान केन्द्र का डिजाइन, मतदान केन्द्र का निर्धारण करते समय न्यूनतम एवं अधिकतम मतदाताओं का निर्धारण, मतदान केन्द्रों की सूची का प्रकाशन, संवेदनशील एवं अति संवेदनशील मतदान केन्द्रों का निर्धारण, मतदान केंद्र पर सुविधाएं आदि का निर्णय भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लिया जाता है। आयोग इस बात का ध्यान रखता है कि मतदाता को मतदान केंद्र तक पहुंचने में कोई परेशानी न हो। मतदान केंद्रों की ‘संवेदनशीलता’ को देखते हुए वहां आवश्यक सुरक्षा मुहैया कराई जाती है। केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक, हर मतदान केंद्र पर न्यूनतम बुनियादी सुविधाएं होनी चाहिए। इसमें वरिष्ठ नागरिकों के लिए रैंप, पीने का पानी, शौचालय, बिजली आपूर्ति, प्रकाश योजना, व्हीलचेयर उपयोगकर्ताओं के लिए उपयुक्त चौड़ाई के दरवाजे और फर्नीचर जैसी न्यूनतम सुविधाएं शामिल हैं। सुदूरवर्ती इलाकों में स्थित मतदान केंद्रों पर विशेष सुरक्षा दी जाएगी।

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