नए विधानसभा और उच्च न्यायालय भवन निर्माण में हुआ बड़ा घोटाला? झारखंड सरकार ने दिया ये आदेश

झारखंड विधानसभा के निर्माण के बाद आग लगने की घटना, सीलिंग गिरने का मामला या प्राक्कलन राशि में बढोत्तरी का मुद्दा राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चा में रहा है।

107

झारखंड सरकार ने नए विधानसभा भवन निर्माण और नवनिर्मित उच्च न्यायालय भवन निर्माण में हुई सभी अनियमितताओं की जांच न्यायिक आयोग से कराने का आदेश दिया है।

न्यायिक कमीशन से कराने का आदेश
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में निर्मित विधानसभा भवन निर्माण एवं उच्च न्यायालय भवन निर्माण में हुई सभी अनियमितताओं की जांच न्यायिक कमीशन से कराने का आदेश दिया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री सचिवालय ने 17 मई को आदेश जारी कर दिया है।

ये भी पढ़ें – गुजरात एटीएस का बड़ा ऑपरेशन, गिरफ्त में दाऊद के चार गुर्गे! जानिये, किस मामले में थे वांछित

गड़बड़ी बता कर भवन निर्माण
उल्लेखनीय है कि एचइसी इलाके के कुटे में झारखंड विधानसभा के नये भवन के निर्माण में भी इंजीनियरों ने संवेदक रामकृपाल कंस्ट्रक्शन को लाभ पहुंचाया था। विधानसभा के इंटीरियर वर्क के हिसाब-किताब में गड़बड़ी बता कर भवन निर्माण के इंजीनियरों ने पहले 465 करोड़ के मूल प्राक्कलन को घटा कर 420.19 करोड़ कर दिया।

12 दिन बाद ही बिल ऑफ क्वांटिटी (बीओक्यू) में निर्माण लागत 420.19 करोड़ से घटा कर 323.03 करोड़ कर दिया। टेंडर निपटारे के बाद 10 प्रतिशत कम यानी 290.72 करोड़ रुपये की लागत पर रामकृपाल कंस्ट्रक्शन को काम दे दिया गया। फिर ठेकेदार के कहने पर वास्तु दोष के नाम पर साइट प्लान का ड्राइंग बदला।

रामकृपाल कंस्ट्रक्शन को दिया गया था काम
उल्लेखनीय है कि दोनों भवनों के निर्माण का जिम्मा एक ही संवेदक को दिया गया था। ये सारे निर्माण कार्य मेसर्स रामकृपाल कंस्ट्रक्शन के द्वारा किया गया था। तीन मंजिला विधानसभा इमारत का उद्घाटन 12 सितंबर, 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था, जबकि इसकी नींव पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 2015 में रखी थी।

उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर
झारखंड उच्च न्यायालय भवन निर्माण में गड़बड़ी को लेकर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गयी थी। दायर याचिका में कहा गया है कि ये गड़बड़ी अधिकारी और संवेदक की मिलीभगत से की गयी है। इससे पहले 02 जुलाई, 2021 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड विधानसभा के नए भवन और झारखंड उच्च न्यायालय के नए भवन के निर्माण के दौरान बरती गई वित्तीय अनियमितता की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) से कराने का निर्देश दिया था।

सीलिंग गिरने का मामला
रघुवर दास सरकार के कार्यकाल में बनी ये दोनों ही भवन टेंडर प्रक्रिया के दौरान से ही चर्चा में रही है। झारखंड विधानसभा के निर्माण के बाद आग लगने की घटना, सीलिंग गिरने का मामला या प्राक्कलन राशि में बढोत्तरी का मुद्दा राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चा में रहा है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.