ये टूटने के लक्षण तो नहीं?

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कांग्रेस में कलह का अंत नजर नहीं आ रहा है। कमजोर नेतृत्व की वजह से आधार खो रही कांग्रेस के वही नेता अब पार्टी के खिलाफ मुखर हो गए हैं, जो कभी पार्टी के स्तंभ आधार हुआ करते थे। जिन नेताओं के खून में कांग्रेस की विचारधारा प्रवाहित हो रही है, आज वे कथित तौर पर पार्टी की दुर्गति से दुखी हैं और वे पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बार-बार सवाल उछल रहे हैं। ऐसे नेताओं में कपिल सिब्बल, पी. चिदंबरम और गुलाम नबी आजाद आदि के नाम शामिल हैं। दूसरी ओर पार्टी में अशोक गहलोत, अधीर रंजन चैधरी जैसे नेता भी हैं, जो विरोधियों के हमले को कुंद करने की कोशिश कर रहे हैं। पार्टी के नेताओंं के इस तरह से दो धड़ों में बंटने से सवाल उठ रहे हैं कि कहीं ये पार्टी के टूटने के लक्षण तो नहीं हैं?

कांग्रेस अब असरदार विपक्ष नहीं
पिछले कुछ महीनों से पार्टी नेतृत्व के प्रति खुलकर अपनी नाराजगी जता रहे कपिल सिब्बल बिहार चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन को लेकर फिर से मुखर हो गए हैं। उन्होंने हाल ही में कहा है कि अब कांग्रेस पार्टी देश में असरदार विपक्ष नहीं रह गई है।

अध्यक्ष नहीं चुने जाने पर उठाए सवाल
सिब्बल ने कहा कि कांग्रेस अपने संगठन की मजबूती के लिए कोई कोशिश नहीं कर रही है। उन्होंने एक साल से ज्यादा समय से कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं होने का भी मुद्दा उठाया है। इसके साथ ही पार्टी के कामकाज के तौर-तरीकों पर अपनी नाराजगी दर्शाई है। उन्होंने सवाल दागते हुए कहा है, ‘कोई राजनैतिक पार्टी डेढ़ साल तक बिना किसी लीडर के कैसे काम कर सकती है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पता ही नी है कि उन्हें जाना कहां है।’ गौर तलब है कि राहुल गांधी ने करीब डेढ़ साल पहले पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। तब से सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष के रुप में पार्टी चला रही हैं।

जी-23 के सदस्य हैं सिब्बल
वरिष्ठ वकील और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल पार्टी के जी-23 ग्रुप के सदस्यों में शामिल हैं। अगस्त में पार्टी के 23 नेताओं ने पार्टी के काम-काज को लेकर सवाल उठाते हुए सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जताई थी। सिब्बल ने एक बार फिर कहा है कि उन्होंने जुलाई में संसदीय समूह की बैठक में अध्यक्ष को लेकर मुद्दा उठाया था। उसके बाद 23 नेताओं ने अगस्त में काग्रेस अध्यक्ष को चिट्ठी लिखी थी, लेकिन कोई चर्चा नहीं हुई। हमसे किसी ने भी संपर्क नहीं किया।

पार्टी के कई नेताओं ने की सिब्ब्ल की आलोचना
राजस्थान के मुख्यमंत्रीअशोक गहलोत, लोकसभा में काग्रेस संसदयी दल के नेता अधीर रंजन चौधरी और दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अनिल चौधरी कपिल सिब्बल पर हमलावर हो गए हैं। गहलोत ने ट्विट किया, ‘कपिल सिब्बल को हमारे आंतरिक मसलों की मीडिया में चर्चा की कोई जरुरत नहीं है। इसने देश भर में पार्टी कार्यकर्ताओं को आहत किया है।”

अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘सिब्बल हमारे नेता नहीं
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘कपिल सिब्बल हमारे नेता नहीं हैं। जो उनके सभी बयानों के जवाब दिए जाएं। हर पार्टी की कार्य करने की एक अपनी शैली होती है। पार्टी के नये अध्यक्ष को लेकर काम हो रहा है। जब यह पूरा हो जाएगा तो ऐलान किया जाएगा।’

‘पार्टी में नेतृत्व का कोई संकट नहीं’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शद ने कहा है कि पार्टी में नेतृत्व का कोई संकट नहीं है। उन्होंने कहा है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पार्टी में पूरे सहयोग को हर वह व्यक्ति देख सकता है, जो नेत्रहीन नहीं है। गांधी परिवार के नजदीकी समझे जानेवाले खुर्शीद ने कहा कि काग्रेस में विचार रखने के लिए पर्याप्त मंच उपलब्ध है और पार्टी के बाहर विचार करने से इसे नुकसान पहुंचता है। बिहार में पार्टी के खराब प्रदर्शन को लेकर कपिल सिब्बल और एक अन्य वरिष्ठ नेता पी चिंदबरम के बयान के बारे में उन्होंने कहा कि वे उनकी बातों से असहमत नहीं हैं, लेकिन उन्हें इस बारे में दुनिया और मीडिया को बताने की क्या जरुरत है। कांग्रेस कार्य समिति में स्थाई रुप से आमंत्रित होनेवाले खुर्शीद ने कहा,’हर बार विश्लेषण किया जाता है। इसे लेकर कोई झगड़ा नहीं है। इस बार भी यह किया जाएगा। ये सभी नेतृत्व के हिस्सा हैं।

याद आ रहे हैं अहमद पटेल
पार्टी में बढ़ती अंदरुनी कलह के समय में पार्टी हाई कमान को पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल की बहुत याद आ रही होगीपिछले महीने से बीमार चल रहे पटेल गुड़गांव में मेदांता अस्पताल में भर्ती हैं। अहमद पटेल पार्टी नेताओं और शीर्ष नेतृतव के बीच कड़ी की भूमिका निभाते आए हैं। लेकिन उनके अस्पताल में भर्ती होने के कारण ये कड़ी टूट गई है।

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