झूला पुल खोले जाने से क्यों नाराज हैं भारतीय व्यापारी?

इस इंटरनेशनल झूला पुल को खोले जाने पर भारतीय व्यापारियों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि इस पुल को खोलने से नेपाल को ही फयदा होगा। भारतीय व्यापारियों को इससे कोई लाभ नहीं है। पिछले एक साल से यहां व्यापार पूरी तरह ठप्प है।

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चीन के चंगुल में फंसे नेपाल के कार्यवाहक प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख को लेकर एक बार फिर आपत्तिजनक टिप्पणी की है। उन्होंने नेशनल असेंबली को संबोधित करते हुए कहा कि हम कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख को कुटनीतिक बातचीत से भारत से वापस लेंगे। भारत को उकसानेवाले उनके बयान आने के चंद दिन पहले ही भारत ने नेपाल की मांग पर भारत- नेपाल बॉर्डर पर स्थित इंटरनेशनल झूला पुल को खोले जाने की मंजूरी दी है। दोनों देशों के बीच आई कड़वाहट को कम करने के लिए भारत द्वारा उठाए गए इस कदम को दरकिनार कर नेपाली पीएम द्वारा दिए गए बयान का दोनों देशों के रिश्तों पर नकारात्मक असर होने की संभावना ने इनकार नहीं किया जा सकता।

भारतीय व्यापारियों ने जताई नाराजगी
बता दें कि इस इंटरनेशनल झूला पुल को खोले जाने पर भारतीय व्यापारियों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि इस पुल को खोलने से नेपाल को ही फयदा होगा। भारतीय व्यापारियों को इससे कोई लाभ नहीं है। पिछले एक साल से यहां व्यापार पूरी तरह ठप्प है।

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क्या कहते हैं भारतीय व्यापारी?
झूलाघाट के स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि इस क्षेत्र का व्यापार नेपाल पर निर्भर है। जब से लॉकडाउन हुआ है, उनकी दुकानें बंद हैं। दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो गया है। वे कई बार झुला पुल खोले जाने की मांग कर चुके हैं। लेकिन उनकी मांगों पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। झुलाघाट व्यापार संघ के अध्यक्ष जगदीश जोशी का कहना है कि नेपालियों के लिए तो पुल खोला जा रहा है लेकिन अपनों का दर्द उन्हें दिखाई नहीं देता। साल भर हमारा व्यापार बंद रहा। लेकिन किसी ने हमारी सुध नहीं ली। अब नेपाली नागरिकों के लिए पुल खोला जा रहा है। जोशी ने इस फैसले का विरोध किया है।

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नेपाल ने किया था अनुरोध
नेपाल प्रशासन ने पिछले दिनों झुलाघाट के इंटरनेशन झुला पुल को खोलने का अनुरोध किया था। उसके अनुरोध पर इसे हफ्ते में दो दिनों के लिए खोला गया है। अब इसके जरिए नेपाल और भारत के लोग सोमवार तथा शुक्रवार को आवाजाही कर सकते हैं। दोनों देशों के प्रशासन ने तय किया है कि एक-दूसरे के मुल्क में आने-जाने के लिए लोगों के लिए पास बनाए जाएंगे। इसके आधार पर लोग एक-दूसरे देशों में आवाजाही कर सकेंगे।

आपास्थिति में दूसरे दिन भी खुलेगा पुल
पिथौरगढ़ा के तहसीलदार पंकज चंदौला ने कहा कि फिलहाल हफ्ते में दो बार पुल खोला जा रहा है। आपातस्थिति में इसे अन्य दिन भी खोला जा सकेगा। लेकिन इस इंटरनेशल पुल पर अनुमति पत्र के आधार पर ही लोगों की आवाजाही हो सकेगी।

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