चीन को भारत की खरी-खरी, सीमा के उन पेट्रोलिंग बिंदुओं पर केंद्रित रही चर्चा

भारत और चीन के मध्य लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड सीमा पर विवाद उपजता रहा है। चीन की विस्तारवादी नीतियों के कारण सीमा पर भारतीय सेना को सुरक्षा हेतु कदम उठाने पड़ते रहे हैं।

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भारत चीन सीमा

भारत और चीन के बीच 19वें दौर की सैन्य बातचीत संपन्न हुई। यह बैठक मोल्डो में हुई, जो दो दिनों कर चली। इस चर्चा में भारत की ओर से स्पष्ट किया गया है कि, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन को सेना को पहले जैसे पेट्रोलिंग की स्थिति बनाई जाए। यह दोनों देशों के मध्य विश्वास उत्पन्न करने का कार्य करेगी।

भारत (India) और चीन (China) के मध्य गलवान घाटी (Galwan Valley) में हुए विवाद के बाद से परिस्थितियां बदल गई हैं। दोनों देश सैन्य स्तर की बातचीत के माध्यम से इस गतिरोध को समाप्त करने के प्रयत्न में हैं, लेकिन चीन की विस्तारवादी नीतियां इसमें लगातार आड़े आती रही हैं। अब 19वें दौर की सैन्य अधिकारियों (19th Millitary Level Talks) की चर्चा में सूत्रों के माध्यम से जो पता चला है उसके अनुसार भारत ने स्पष्ट रूप से चीन को कह दिया है कि, विवाद के सभी बिंदुओं पर भारतीय सेना (Indian Army) को सुचारू रूप से व्यवधान मुक्त पेट्रोलिंग करने दिया जाए, इसमें वास्तविग नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) भी शामिल है। इस चर्चा में डेपसांग घाटी (Depsang Valley)और डेमचॉक (Demchok) की प्रमुख रूप से चर्चा की गई।

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विश्वास बढ़ाने पर बल
सूत्रों के हवाले से दोनों देशों की ओर से विस्वास बढ़ाने पर बल दिया जाना चाहिये। जब तक पुराने पेट्रोलिंग पॉइन्ट्स पर निर्णय नहीं हो जाता, तब तक इसे बफर जोन के रूप में संरक्षित रखा जाए। इसके लिए भारत और जीन की सेनाओं के पेट्रोलिंग पॉइंट्स स्पष रूप से निर्धारित किये जाएं।

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