सरकार की सख्ती का असर! अब तक ‘इतने’ एसटी कर्मी काम पर लौटे

एसटी निगम का राज्य सरकार में विलय की मांग को लेकर एसटी कर्मियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया है। मामला लंबित है और हड़ताल एक महीने से अधिक समय से चल रही है।

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महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम के कर्मचारियों की हड़ताल के कारण आम जनता के साथ ही कॉलेज और स्कूली छात्रों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसे देखते हुए राज्य सरकार और प्रदेश के परिवहन मंत्री अनिल परब ने हड़ताली कर्मचारियों से काम पर लौटने की अपील की है। इसके साथ ही हड़ताल की जिद पर अड़े कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी चेतावनी दी है। सरकार की अपील के साथ ही चेतावनी का असर अब दिखने लगा है।

19 हजार कर्मचारी काम पर लौटे
6 दिसंबर को राज्य भर के विभिन्न डिपो में लगभग 19,000 कर्मचारी ड्यूटी पर लौट आए हैं। इस कारण 6 दिसंबर को प्रदेश के 250 डिपो में से 105 से बसों का संचालन शुरू हो गया है। इससे पहले 5 दिसंबर को बसों के लगभग 1703 फेरे के माध्यम से 1 लाख 04 हजार 800 यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाया गया।

एक महीने से जारी है हड़ताल
बता दें कि  एसटी निगम का राज्य सरकार में विलय की मांग को लेकर एसटी कर्मियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया है। मामला लंबित है और हड़ताल एक महीने से अधिक समय से चल रही है। पिछले दिनों इस संबंध में परिवहन मंत्री एवं एसटी निगम के अध्यक्ष अनिल परब ने निगम के अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रदेश भर के डिपो में वाहनों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति की समीक्षा की थी।

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काम पर लौटने की अपील
बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए परिवहन मंत्री ने कहा था कि महाराष्ट्र की तमाम आम जनता एसटी का बेसब्री से इंतजार कर रही है। एसटी की कमी से लाखों गरीब यात्रियों जैसे स्कूल, कॉलेज जाने वाले छात्रों, वरिष्ठ नागरिकों, काम पर जाने वाले किसानों, खेतिहर मजदूरों को भारी असुविधा हो रही है। परब ने यह भी घोषणा की थी कि अगर कर्मचारी काम पर आना चाहते हैं लेकिन उन्हें रोका जा रहा है तो उन्हें पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। उसके बाद से एसटी कर्मी काम पर लौटने लगे हैं।

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