तो क्या जांच ही क्वारंटीन हो जाएगी?

शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। 24 नवंबर को उनके बेटे पूर्वेश और विहंग के घर पर छापेमारी और घंटों पूछताछ के बाद आज ईडी ने उनके पिता प्रताप सरनाईक को समन किया है। उन्हें पूछताछ और जांच पड़ताल के ईडी कार्यालय में हाजिर होने का समन जारी किया गया है।

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ईडी की कार्रवाई के बीच प्रताप सरनाईक एकांतवास( क्वारंटाइन) में जा सकते हैं। 24 नवंबर को मुंबई के बाहर से आने के कारण उनके द्वारा यह निर्णय लेने का अनुमान लगाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि उनके पुत्र विहंग सरनाईक की पत्नी की तबीयत ठीक नहीं है। इस वजह से सरनाईक ने उनसे अगले हफ्ते बाद पूछताछ करने का निवेदन ईडी से किया है। मिली जानकारी के अनुसार सरनाईक ने इसके लिए ईडी को पत्र लिखा है। इस हाल में अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या जांच ही क्ववारंटीन हो जाएगी।

इस बीच बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने प्रताप सरनाईक पर निशाना साधा है।

शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। 24 नवंबर को उनके बेटे पूर्वेश और विहंग के घर पर छापेमारी और घंटों पूछताछ के बाद अब ईडी ने उनके पिता प्रताप सरनाईक को समन किया है। उन्हें पूछताछ और जांच पड़ताल के ईडी कार्यालय में हाजिर होने का समन जारी किया गया है।

सरनाईके के साथ शिवसेना
इस बीच शिवसेना सांसद संजय राऊत ने प्रतार सरनाईक के प्रति अपना पूरा समर्थन जताया है। उन्होंने कहा है कि सरनाईक के साथ शिवसेना मजबूती से खड़ी है। राऊत ने इस कार्रवाई को राजनाति से प्रेरित बताते हुए कहा कि मुझे भी नोटिस भेजी जा सकती है। मैं उसका इंतजार कर रहा हूं। उन्होंने एक बार फिर कहा कि महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी की सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी और आगे भी हमारी ही सरकार आएगी।

विधानसभा चुनाव के बाद फिर एक्शन मोड में ईडी
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद ‘ईडी’ एक वर्ष बाद दूसरी बार ऐक्शन मोड में है। 24 नवंबर को सुबर 8.30 बजे ठाणे से शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक के साथ ही उनके बेटे पूर्वेश और विहंग सरनाईक के कार्यालय और घरों पर ईडी ने अचानक छापेमारी की। करीब चार घंटे तक जांच-पड़ताल के बाद ईडी के अधिकारी विहंग सरनाईक को अपने साथ मुबंई के कार्यालय ले गए। मिली जानकारी के अनुसार जांच-पड़ताल कर रहे अधिकारियों में दिल्ली के ईडी अधिकारी भी शामिल हैं। अधिकारियों का यह ग्रुप पूर्वेश के घर जांच कर रहा था। ईडी की यह कार्रवाई प्रताप सरनाईक की कंपनी और टॉप ग्रुप के संबंध को लेकर की जा रही है।

10 ठिकानों पर की थी छापेमारी
ठाणे माजीवाडा विधानसभा से शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक के ठाणे स्थित कार्यालय, उनके पुत्र विहंग और पूर्वेश के घर पर, मुंबई व ठाणे स्थित टॉप ग्रुप के कार्यालय में एक साथ 10 ठिकानों पर छापेमारी की गई। मिली जानकारी के अनुसार ईडी अधिकारियों को कुछ संदिग्ध कागजात बरामद हुए हैं। उस समय विधायक प्रताप सरनाईक देश से बाहर थे। जानकारी मिलने के बाद वे 24 नवंबर को ही भारत लौट आए। यहां आने के बाद उन्होंने शिवसेना सांसद संजय राऊत से मुलाकात की। हालांकि दोनों के बीच इस मुलाकात में क्या बात हुई, यह जानकारी नहीं मिल पाई।

टॉप ग्रुप ने दी है सफाई
हालांकि टॉप ग्रुप ने सफाई दी है कि उसका शिवसेना और प्रताप सरनाईक से कोई व्यवसायिक संबंध नहीं है। टॉप ग्रुप का कहना है कि उसका उनसे सिर्फ दोस्ती है

क्या है टॉप ग्रुप विवाद?
राहुल नंदा के टॉप ग्रुप पर 350 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग यानी देश से बाहर पैसे भेजने का आरोप है। इसमें प्रताप सरनाईक की कंपनी के शमिल होने की बात कही जा रही है। राहुल नंदा के परिवार समेत दुबई में रहने की जानकारी मिली है। इसके आलावा लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों की सैलरी देने के लिए राहुल नंदा ने राष्ट्रीयकृत बैंकों से 175 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। इसके आलावा कर्मचारियों के पीएफ के पैस सरकारी फंड में न जमाकर उसका इस्तेमाल दूसरी कंपनी में करने का भी नंदा पर आरोप है। इस तरह उन्होंने देश और देश के बाहर 100 करोड़ की संपत्ति खरीदी है। बताया जाता है कि प्रताप सरनाईक और राहुल नंदा के बीच गहरी दोस्ती है। ईडी जांच कर रही है कि क्या दोनों के बीच किसी तरह के व्यावसायिक संबंध भी है।

कार्रवाई राजनीति से प्रेरितः शिवसेना
अलीबाग इंटिरिर डिजायनर अन्वय नाईक के आत्महत्या प्रकरण में प्रताप सरनाईक ने आक्रामक तरीके से आवाज उठाई थी। उन्होंने अन्वय को न्याय देने की मांग की थी। सरनाईक ने अन्वय की आत्महत्या के लिए रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को जिम्मेदार ठहराया था। इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना आमने-सामने आ गई थी। इतना ही नहीं एक्टर सुशांत सिंह राजपूत मामले में भी शिवसेना के अन्य नेताओं के साथ ही प्रताप सरनाईक ने भी  आवाज उठाई थी। अभिनेत्री कंगना रनौत मामले में उन्होंने कड़ी टिप्पणी की थी। इन कारणों से इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित होने की बात कही जा रही है।

 

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