भारत और अमेरिका के संबंधों को परिभाषित करना मुश्किलः S Jaishankar

आज भारत और अमेरिका ऐसी स्थिति में पहुंच गए हैं जहां हम वास्तव में एक-दूसरे को बहुत ही वांछनीय और सहज साझेदार के रूप में देखते हैं।

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 भारत के विदेशमंत्री डॉ. एस जयशंकर (S Jaishankar) ने वाशिंगटन डीसी में ‘कलर्स ऑफ इंडिया’ (Colors of India) कार्यक्रम में भारत-अमेरिका संबंधों (India-US relations) पर चर्चा की। विदेशमंत्री जयशंकर ने कहा, ‘आज मेरे लिए इस संबंध को परिभाषित करना, यहां तक की अपेक्षाओं को बताना मुश्किल है।’ स्थानीय मीडिया में इस कार्यक्रम को व्यापक तरजीह दी गई है।

अपेक्षाओं से कहीं अधिक बढ़ा रिश्ता
रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने कहा कि आज हर तरह से यह रिश्ता अपेक्षाओं से कहीं अधिक बढ़ गया है। यही वजह है कि हम इसे परिभाषित करने की कोशिश नहीं करते। आज भारत और अमेरिका ऐसी स्थिति में पहुंच गए हैं जहां हम वास्तव में एक-दूसरे को बहुत ही वांछनीय और सहज साझेदार के रूप में देखते हैं।

बापू के संदेश हमारी सोच में थे
भारत की जी-20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता पर विदेशमंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि गांधी जयंती करीब है। यह कहना कि महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi)असाधारण व्यक्ति थे। इस सदी के लिए कम ही होगा। बापू के संदेश जटिल जरूर हैं, लेकिन उनका सार बहुत सरल है। जब भारत ने जी 20 की अध्यक्षता संभाली तो कई मायनों में बापू के संदेश हमारी सोच के केंद्र में थे।

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