Delhi: मुख्य सचिव को लेकर उल्टा पड़ा केजरीवाल का दांव, उपराज्यपाल ने बताया मीडिया ट्रायल की कोशिश

दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के सक्सेना ने मुख्यमंत्री केजरीवाल की नरेश कुमार के खिलाफ बामनोली भूमि अधिग्रहण मामले में जांच कराने की अपील को ठुकरा दिया है । उपराज्यपाल ने कहा कि केजरीवाल ने आधी-अधूरी और गलत जानकारी दी है।

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दिल्ली (Delhi) की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है । मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल आमने -सामने हैं। इस बार की लड़ाई दिलचस्प है । मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने अपने मुख्य सचिव नरेश कुमार (Chief Secretary Naresh Kumar) के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है । ये वही नरेश कुमार हैं, जिनकी शिकायत पर शराब घोटाले (liquor scam) की जांच शुरू हुई है । दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के सक्सेना (Lieutenant Governor V.K Saxena) ने मुख्यमंत्री केजरीवाल की नरेश कुमार के खिलाफ बामनोली भूमि अधिग्रहण मामले (Bamnoli land acquisition case) में जांच कराने की अपील को ठुकरा दिया है । उपराज्यपाल ने कहा कि केजरीवाल ने आधी-अधूरी और गलत जानकारी दी है। दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग ने जो रिपोर्ट भेजी है वो पहले से ही पब्लिक डोमेन में है। ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि रिपोर्ट को मीडिया ट्रायल (media trial) की जारी किया गया है।
मुख्य सचिव नरेश कुमार ने उजागर किया था शराब घोटाला 
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने मुख्य सचिव को हटाना चाहते हैं। उन्होंने ही दिल्ली सरकार की आबकारी नीति और मुख्यमंत्री आवास नवीनीकरण में कथित अनियमितताओं की शुरुआती जांच की थी और केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए थे । उन्होंने 8 जुलाई 2022 को दिल्ली सरकार की नई शराब नीति में घोटाले का आरोप लगाया। उन्होंने इससे जुड़ी एक रिपोर्ट उपराज्यपाल के पास भेजी थी । इस रिपोर्ट में कहा गया था कि मनीष सिसोदिया ने लाइसेंसधारी   शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया है । सीबीआई ने नरेश कुमार की रिपोर्ट के आधार केस दर्ज किया था । इसके बाद शराब घोटाले की परतें खुलनी शुरू हुईं और केजरीवाल के मंत्री जेल जाना शुरू हो गए ।
पूरे विवाद का सच 
द्वारका एक्सप्रेस-वे की भूमि का अधिग्रहण वर्ष 2017 में किया गया था । दिल्ली के रहने वाले दो भूस्वामियों सुभाष चंद कथूरिया और विनोद कुमार कथूरिया की 19 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया था । इस भूमि का 41.52 करोड़ रुपए का मुआवजा कथूरिया बंधुओं को दिया गया । लेकिन दोनों ने मुआवजे की राशि को कम बताते हुए इसे दिल्ली सरकार में चुनौती दी। लेकिन उनको कोई राहत नहीं मिली । वर्ष 2019 में दक्षिण पश्चिम दिल्ली के मजिस्ट्रेट ने इस मामले में मध्यस्थता शुरू की । वर्ष 2019 और 2022 के बीच दिल्ली सरकार के तीन डीएम इस मामले को देखते रहे, लेकिन किसी ने भी मुआवजे की राशि को नही बढ़ाया । जून 2022 में हेमंत कुमार ने दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में डीएम का पद संभाला और नरेश कुमार मुख्य सचिव बन गए । हेमंत कुमार ने कथूरिया बंधुओं की अपील पर सुनवाई करते हुए अधिग्रहण की जमीन का मुआवजा 41.52 करोड़ से बढाकर 357.7 करोड़ कर दिया । यानी जमीन का मुआवजा 9 गुणा बढ़ गया ।
मुख्य सचिव नरेश कुमार की भूमिका पर सवाल?
दरअसल जमीन का मुआवजा लेने वाले कथूरिया परिवार के दामाद की कंपनी अनंतराज लिमिटेड है, जिसमें मुख्य सचिव नरेश कुमार के बेटे करण चौहान रणनीतिक सलाहकार हैं । नरेश कुमार इसी महीने सेवानिवृत होने वाले हैं । इस मामले की जांच पहले से ही चल रही है । लेकिन केजरीवाल ने इस मामले को दोबारा से उछाल कर एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश की है कि कैसे अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर दिल्ली की जनता की सहानुभूति बटोरी जा सके ।
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