BJP Politics: लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा की नई रणनीति, आंध्र प्रदेश की छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन कर लड़ेगी चुनाव

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी भाजपा सरकार को कई अहम मौके पर अपना समर्थन देकर संकट से उभारते रहे हैं। लेकिन राजनीतिक पिच पर वह खुलकर भाजपा के साथ आना नहीं चाहते।

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भाजपा (BJP) ने दक्षिण भारत (South India) में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए छोटे दलों (Small Parties) को साथ लाने की रणनीति (Strategy) बनाई है। आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में तेलुगु देशम पार्टी (Telugu Desam Party) उसकी सहयोगी पार्टी जन सेना पार्टी (Jana Sena Party) के साथ लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) और विधानसभा (Assembly) के चुनाव भाजपा मिलकर लड़ेगी। तेलुगु देशम प्रमुख चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) कई दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी (YS Jaganmohan Reddy) भाजपा सरकार को कई अहम मौके पर अपना समर्थन देकर संकट से उभारते रहे हैं। लेकिन राजनीतिक पिच पर वह खुलकर भाजपा के साथ आना नहीं चाहते। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के दो वर्तमान सांसद रघु रामा कृष्णा राजू नरसापुरम और लव श्री कृष्णा देवरालु जगन मोहन रेड्डी की पार्टी छोड़ चुके हैं। वे जल्द ही भाजपा में शामिल हो सकते है।

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भाजपा अधिक लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है
भाजपा ने साफ कर दिया है कि वह आंध्र प्रदेश में अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। तेलुगु देशम पार्टी 5 से 6 सीटें देने के लिए तैयार हैं। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व आंध्र प्रदेश में अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहता है। माना जा रहा है कि चंद्रबाबू नायडू इसके लिए तैयार है। चंद्रबाबू नायडू अपनी पार्टी को दोबारा से खड़ा करने के लिए बीजेपी के साथ हाथ मिलाने को पूरी तरह से तैयार है। आंध्र प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों में वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने 22 सीटें जीती थी। जबकि तेलुगू देशम पार्टी को 3 सीटें मिली थी।

मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी की पीएम मोदी से मुलाकात
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शुक्रवार को आधे घंटे तक मुलाकात की इस मुलाकात में आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की गई है। भाजपा वाईएसआर कांग्रेस के साथ दोस्ताना और तेलुगू देशम पार्टी के साथ राजनीतिक गठबंधन चाहती है। हालांकि आंध्र प्रदेश की भाजपा इकाई अकेले चुनाव लड़ने चाहती है लेकिन भाजपा का शीर्ष नेतृत्व दक्षिण भारत में अपनी विजय पताका को सुनिश्चित करने के लिए छोटे दलों के साथ ही आगे बढ़ने का मन बना चुकी है।

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