मुख्यमंत्री गहलोत पर भाजपा ने बोला हमला, लगाए ये आरोप

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि प्रदेश में अपराध का बड़ा कारण तुष्टिकरण है। बांसवाड़ा जिले में कावड़ यात्री को चाकू मारकर हत्या की घटना अत्यधिक चिंताजनक है।

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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने प्रदेश सरकार को अपराध और तुष्टिकरण की नीति पर घेरते हुए भरतपुर गैंगवार में हुई हत्या, चूरू जिले में शराब माफिया द्वारा अवैध शराब बेचने का विरोध करने पर नंगा कर पीटने तथा बांसवाड़ा में कावड़ यात्री की हत्या जैसी आपराधिक घटनाओं को प्रदेश पर कलंक बताया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बयान प्रदेश में अपराध दूसरे राज्यों से कम है। एफआईआर अनिवार्यता के कारण आपराधिक घटनाएं अधिक दर्ज हो रही हैं, जैसे बयान अपराधियों के हौसले बढ़ाने वाला है।

अपराध, गैंगवार, गोलीबारी की घटनाएं बढ़ने का आरोप
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने 28 अगस्त को जारी बयान में कहा कि भरतपुर संभाग में अपराध, गैंगवार, गोलीबारी की घटनाएं बढ़ गई हैं। अपराधियों की हिम्मत देखिए पुलिस थाने से महज कुछ मीटर की दूरी पर गैंगवार हो रहे हैं। अपराधियों में पुलिस और प्रशासन का कोई डर नहीं है। अवैध हथियार आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं। आस पास के राज्यों के अपराधियों ने यहां अपना जमावड़ा कर लिया है। दौसा में कांस्टेबल के सिर में गोली मार कर हत्या की जा रही है।

शराब माफिया बेफिक्र होकर कर रहे हैं अवैध शराब का कारोबार
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि चूरू में शराब माफिया बेफिक्र होकर अवैध शराब का कारोबार कर रहे हैं। उन्हें रोकने टोकने वालों को नंगा कर डंडों से पीटा जा रहा है। पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है, ताकि उनका खौफ व्याप्त हो सके। आखिर क्यों अपराधी इतना बेखौफ हैं? क्या प्रदेश सरकार की उनसे कोई सांठ गांठ है। मुख्यमंत्री अपने हर वक्तव्य में अपराधियों का बचाव करने का प्रयास क्यों करते हैं? सरकारी संरक्षण, मिली भगत और सांठ-गांठ से प्रदेश में अपराध पनप रहे हैं।

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अपराध का बड़ा कारण तुष्टिकरण
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि प्रदेश में अपराध का बड़ा कारण तुष्टिकरण है। बांसवाड़ा जिले में कावड़ यात्री को चाकू मारकर हत्या की घटना अत्यधिक चिंताजनक है। कांग्रेस ने सामुदायिक विशेष के लिए मोहब्बत की दुकान खोली रखी है। एक तरफ जहां कोटा में पीएफआई जैसे प्रतिबंधित संगठन को रैली की इजाजत दी जाती है, वहीं बहुसंख्यकों के धार्मिक कार्यक्रमों को पुलिस और प्रशासन द्वारा कंट्रोल किया जाता है, भगवा झंडों और भजनों पर रोक लगाई जाती है। प्रदेश सरकार के इस रवैए से बहुसंख्यकों में अत्यधिक चिंता है।

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