धरना, यात्रा, भंडफोड़… अब आया एक्टिव मोड!

बिहार चुनावों में मिली जीत के जोश ने महाराष्ट्र में बीजेपी को एक्टिव मोड पर ला दिया है। बिहार चुनाव के सह-प्रभारी बने देवेंद्र फडणवीस यद्यपि राज्य में अब पूरा ध्यान दे रहे हैं लेकिन उनकी ओर से कोई खास एक्शन देखने को नहीं मिला है। जबकि किरिट सोमैया, राम कदम, नारायण राणे, अतुल भातखलकर, आशीष शेलार और प्रवीण दरेकर ने राज्य सरकार के विरुद्ध मोर्चा संभाल लिया है।

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महाराष्ट्र में बीजेपी की कार्यशैली अब अटैंकिग मोड में है। राज्य सरकार को चौतरफा घेरने के लिए उसके नेता प्रतिदिन धरना, यात्रा और भंडाफोड़ कर रहे हैं। उसमें भी मुंबई में बीजेपी चौतरफा हमला कर रही है। इसमें नाईक-ठाकरे कुटुंब संबंध, मनपा द्वारा भूखंड की खरीदी, पालघर के संतों की निर्मम हत्या, मेट्रो कारशेड स्थानांतरण जैसे मुद्दे को लेकर शिवसेना निशाने पर है। इसी बीच नेताओं की यात्रा ने सरकार को अलग से टेंशन दे दिया है।

बिहार चुनावों में मिली जीत के जोश ने महाराष्ट्र में बीजेपी को एक्टिव मोड पर ला दिया है। बिहार चुनाव के सह-प्रभारी बने देवेंद्र फडणवीस यद्यपि राज्य में अब पूरा ध्यान दे रहे हैं लेकिन उनकी ओर से कोई खास एक्शन देखने को नहीं मिला है। जबकि किरिट सोमैया, राम कदम, नारायण राणे, अतुल भातखलकर, आशीष शेलार और प्रवीण दरेकर ने राज्य सरकार के विरुद्ध मोर्चा संभाल लिया है। इस घेरेबंदी में सबसे बड़ी बात जो खुलकर आई है वो है कि भले ही बीजेपी के निशाने पर महाविकास आघाड़ी हो लेकिन हमले के चलनेवाले तीर सीधे शिवसेना को लग रहे हैं।

सरकार के टेंशन के छह मुख्य बिंदु

* लोकसभा चुनावों के टिकट वितरण में जिस किरिट सोमैया को शिवसेना ने छेड़ा था वो अब शिवसेना की बखिया उधेड़ने में लगा है। उन्होंने मेट्रो कारशेड के स्थानांतरण का मुद्दा, नाईक-ठाकरे परिवार में जमीन के लेनदेन के संबंध के बाद शिवसेना शासित मनपा द्वारा दहीसर में 2.55 करोड़ रुपए का भूखंड बिल्डर से 900 करोड़ रुपए में खरीदने का मामला उजागर कर दिया।

* देवेंद्र फडणवीस और आशीष शेलार ने मेट्रो कारशेड के स्थानांतरण को लेकर की गई घोषणा पर सरकार को घेरा और बचीखुची कसर केंद्रीय एजेंसी नमक विभाग ने पूरी कर दी। उसने सरकार को पत्र देकर कांजुर मार्ग के भूखंड पर अपना मालिकाना हक जता दिया।

* घाटकोपर के विधायक राम कदम राज्य सरकार को कदम-कदम पर घेर रहे हैं। पत्रकार अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर मंत्रालय में दीया जलाने का आंदोलन भले ही पुलिस ने सफल नहीं होने दिया लेकिन उसकी लौ पालघर के संतों को न्याय के नाम पर फिर भड़क उठी। हालांकि पालघर जाने के पहले ही उन्हें पुलिस ने रोक लिया। लेकिन मुद्दा तो मिल ही गया।

* कांदिवली से विधायक अतुल भातखलकर अपने फूलों को शूल बनाकर छोड़ते रहे हैं। उन्हें मुंबई मनपा चुनाव का प्रभारी नियुक्त कर दिया है। जिससे उनकी जिम्मेदारी और पार्टी में कद बढ़ा है तो शिवसेना के लिए भी टेंशन बढ़ सकती है।

* ‘नारायण’ भी कुपित हुए बैठे हैं, राणे पिता-पुत्र शिवसेना पर हमले का कोई अवसर नहीं छोड़ रहे हैं। दिशा सालियन के मामले में नितेश राणे रोज नए दावे पेश कर रहे थे तो पत्रकार अर्णब गोस्वामी के विरुद्ध कार्रवाई में भी वाक् युद्ध चलता रहा है। इस बीच नारायण राणे पालघर में हुई संतों की निर्मम हत्या के मामले में सीबीआई जांच की मांग को लेकर सख्त हो गए हैं।

* दहीसर के कद्दावर नेता और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दरेकर अब विधान परिषद के लिए होनेवाले शिक्षक चुनावों के लिए मैदान में उतर रहे हैं। उनकी शैली आक्रामक रही है तो उनका शिवसेना का अनुभव भी लंबा रहा है यानी जैसे को तैसा… देना दरेकर भी बखूबी जानते हैं।

महाराष्ट्र सरकार के तीन घटकों में से कांग्रेस निधि आबंटन, बड़े निर्णयों में अनदेखी जैसे आरोप लगाती रही है। तो दूसरी ओर अब बीजेपी से बैर शिवसेना को भारी पड़ रहा है क्योंकि सत्ता सुख भले ही तीन दल भोग रहे हैं लेकिन सारे निशाने सिर्फ शिवसेना की तरफ ही हैं।

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