बिहार सरकार: मांझी ने मझधार में छोड़ा! क्या होगा नीतीश की सरकार पर परिणाम?

बिहार सरकार के महागठबंधन में फूट के संकेत हैं, राज्य सरकार के सहयोगी दल ने मंत्री पद को छोड़ दिया है।

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संतोष मांझी

बिहार सरकार में ‘हम’ के अहम की लड़ाई शुरू हो गई है। हिंदुस्तानी अवाम पार्टी (हम) के मंत्री संतोष मांझी ने राज्य सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री के पद से त्यागपत्र दे दिया है। संतोष मांझी पार्टी प्रमुख जीतनराम मांझी के पुत्र हैं।

बिहार सरकार के सहयोगी जीतनराम मांझी पिछले कुछ महीनों से भेंट को लेकर चर्चा में रहे हैं। वे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मिले थे, इसके अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर पांच लोकसभा सीटों पर लड़ने की इच्छा व्यक्त की है। इन सभी भेंट मुलाकातों को देखते हुए यह माना जा रहा है कि, बिहार सरकार के महागठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। इसकी परिणति है कि, संतोष मांझी ने अपने कैबिनेट मंत्री से त्यागपत्र दे दिया है।

नीतीश कुमार देश में भाजपा के विरोध में विपक्षी दलों का गठबंधन खड़ा करने के प्रयत्न में हैं, इसके लिए उन्होंने देश के सभी विपक्षी दलों की एक बैठक 23 जून को पटना में बुलाई है। लेकिन इसके दस दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश की बिहार सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हम पार्टी के संतोष मांझी ने मंत्री पद छोड़कर विपक्षी एकता को मझधार में छोड़ दिया है।

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नीतीश सरकार पर क्या प्रभाव?
बिहार सरकार के महागठबंधन में सम्मिलित नीतीश कुमार की जनता दल युनाइटेड के 45 विधायक हैं, जबकि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के 77 विधायक, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के 4 विधायक हैं। विधान सभा सीटों की कुल संख्या 243 है, इसलिए सरकार गठन के लिए 122 विधायकों का संख्या बल आवश्यक है। महागठबंधन के पास वर्तमान में 159 विधायकों का समर्थन है, जो मांझी के चार विधायकों के सरकार से समर्थन खींचने के बाद भी खतरे से बाहर है।

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