अनुराग ठाकुर ने केजरीवाल को ठहराया टोपीबाज, जानिये क्यों

दिल्ली में धुंध हो तो पंजाब ज़िम्मेदार, स्मॉग हो तो बीड़ी पीने वाले, अलाव जलाने वाले मज़दूर चौकीदार ज़िम्मेदार, अस्पतालों में भीड़ हो तो बिहार वाले ज़िम्मेदार, कोविड में मिसमैंनजेजमेंट हो तो यूपी वाले जिम्मेदार और अब बाढ़ के लिए हरियाणा जिम्मेदार।

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केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने दिल्ली में बाढ़ की चिंताजनक स्थिति पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा जिम्मेदारियों से भागने व अपनी नाकामियों के चलते दिल्ली को बाढ़ में धकेलने की बात कही है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सिर्फ़ भागने की राजनीति करना जानते हैं। जिम्मेदारियों से भागने का उनका पुराना इतिहास रहा है।

इतिहास में उनका लेखा जोखा एक भगोड़े नेता के रूप रखा जाएगा। दिल्ली में धुंध हो तो पंजाब ज़िम्मेदार, स्मॉग हो तो बीड़ी पीने वाले, अलाव जलाने वाले मज़दूर चौकीदार ज़िम्मेदार, अस्पतालों में भीड़ हो तो बिहार वाले ज़िम्मेदार, कोविड में मिसमैंनजेजमेंट हो तो यूपी वाले जिम्मेदार और अब बाढ़ के लिए हरियाणा जिम्मेदार। आख़िर केजीरीवाल कब तक अपनी जिम्मेदारियां दूसरों के कंधे पर डाल के बेचारी और बचकानी राजनीति के मास्टरमाइंड बने रहेंगे। अपने नेताओं को इन्होंने फ़्लड टूरिज़्म पर लगा रखा है, जिसे जहां देखो घुटने भर पानी में फ़ोटो शूट करा रहा है। धरातल पर काम करने की बजाय केजरीवाल चिट्ठियां लिखकर शीशमहल में शीर्षासन कर रहे हैं। केजरीवाल एंड कंपनी ने दिल्ली का क्या हाल बना कर रख दिया है। इतिहास गवाह है कि जब जब नॉन सीरियस व्यक्ति सत्ता की कुर्सी पर बैठा है, तब-तब अंजाम जनता को भुगतना पड़ा है।

अनुराग ने कहा कि पिछले 9 वर्षों में हमने कभी उनको जिम्मेदारी उठाते नहीं देखा है। दिल्ली के लोगों की यह हालत किसके कारण है? मुख्यमंत्री जी आज सिर्फ अपने घर तक सीमित होकर रह गए हैं। हालत यह है कि जब प्रदूषण की बात आती है तो भी दूसरों पर आरोप मढ़ते हैं। जब शराब घोटाले की बात आती है तो अपने मंत्री पर कार्रवाई करने के बजाय भी दूसरों पर आरोप मढ़ते हैं। आज दिल्ली पूछ रही है कि आखिर केजरीवाल जी कब अपनी जिम्मेदारी संभालेंगे। केजरीवाल कभी दिल्ली को पेरिस बनाने की बात करते थे। कभी 300 झील बनाने की बात करते थे। आज हर मोहल्ला तालाब में तब्दील हो चुका है। यह स्वयं में केजरीवाल जी द्वारा राजधानी को खस्ताहाल किए जाने की हालत बयां करता है। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण काफी नुकसान हुआ है। अब तक लगभग 88 लोगों की दुखद मौत हो चुकी है। सड़कें व पुल नष्ट व ध्वस्त हो चुके हैं। लोगों की व्यक्तिगत, निजी संपत्तियों जैसे घर और दुकानों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। इन सभी से उबरने में काफी समय लगेगा। सभी राज्यों को लगभग 8000 करोड़ रुपये की त्वरित मदद दी गई है। मैं भी हिमाचल प्रदेश के तीन दिवसीय दौरे पर तुरंत निकल रहा हूं। वहां जाकर आम जनमानस को हुए नुकसान का आकलन करूंगा और उनकी हर संभव मदद का प्रयास करूंगा।

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