Air Pollution: दिल्ली के वायु प्रदूषण पर केजरीवाल सरकार का एक और नया बहाना, अब भाजपा पर आरोप!

दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने भारी मात्रा में पटाखे फोड़कर दिल्ली की हवा खराब कर दी।

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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में आतिशबाजी (Fireworks) इस दीवाली पर खूब चली लेकिन भाजपा (BJP) की साजिश से? ये बयान दिल्ली सरकार (Delhi Government) के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Environment Minister Gopal Rai) ने दिया है। उनका कहना है कि भाजपा चाहती थी कि दिल्ली में जमकर पटाखे चले, इस कारण दिल्ली में वायु प्रदूषण (Delhi AQI) का स्तर 500 के पार हो गया है। दिल्ली की केजरीवाल सरकार का ये नया बहाना है। हर समस्या के लिए दूसरों पर आरोप मढ़ देना केजरीवाल साहब की आदत हो गई है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) भी केजरीवाल सरकार को फटकार लगा चुकी है कि दिल्ली के वायु प्रदूषण (Air Pollution) को को लेकर राजनीतिक बयानबाजी (Political Statements) नहीं होनी चाहिए।

ऑड-ईवन लागू नहीं किया, आतिशबाजी का नया बहाना गढ़ दिया
दिल्ली सरकार ने दिल्ली को जहरीली हवा को रोकने के लिए 13 नवंबर से 20 नवंबर 2023 तक होने वाला ऑड-ईवन टाल दिया था। ऐसा दिल्ली सरकार ने इसलिए किया कि बीते गुरुवार को बरसात और हवा के चलते प्रदूषण में कमी दर्ज की थी। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए आम आदमी पार्टी को सरकार द्वारा ऑड-ईवन स्कीम लागू किए जाने को लेकर फटकार लगाई है।

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सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कहा कि दिल्ली सरकार की ऑड-ईवन स्कीम महज दिखावा भर है। इस फटकार के बाद दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। इस हलफनामा में कहा गया कि ऑड-ईवन स्कीम से ईंधन की खपत में 15 फीसदी की कमी आई है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौन ने कहा कि आप पहले भी ऑड-ईवन सिस्टम ला चुके है। क्या ये सफल हुआ है?

सुप्रीम कोर्ट की केजरीवाल के बहाने पर है कड़ी नजर
सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार के बहानेबाजी को लेकर सवाल किया है कि दिल्ली में स्मॉग टावर बंद क्यों है उन्हें तुरंत शुरू कीजिए, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी को दिल्ली में प्रदूषण का रियल टाइम डेटा इकट्ठा करके उसे सार्वजनिक करना चाहिए। केमिकल डीकम्पोजर योजना का क्या हुआ? फसल के अवशेष बनाने की कवायद कब शुरू होगी।

क्या पंजाब में पराली जलाने के कारण दिल्ली में वायु प्रदूषण होता है?
सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि केजरीवाल सरकार को आरोप दूसरों पर नहीं थोपना चाहिए। ये लोगों की हेल्थ की हत्या करने के समान है। सरकार की नीतियां इन बातों पर निर्भर नहीं हो सकती कि किस राज्य में किस पार्टी की सरकार है। दिल्ली और पंजाब में तो एक ही पार्टी की सरकार है। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए यहा तक कह दिया कि यहां पर हर कोई एक्सपर्ट बन रहा है लेकिन समाधान किसी के पास नहीं है।

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