नए संसद भवन पर एनसीपी में भतीजे की चाचा से अलग राय, जानिये क्या कहते हैं अजीत पवार

महाराष्ट्र के नेता प्रतिपक्ष और एनसीपी नेता अजीत पवार ने शरद पवार के विपरीत नये संसद भवन की प्रशंसा की है। उन्होंने सांसदों को देश के आम लोगों के लिए काम करने और उनके मुद्दों को हल करने का सुझाव दिया।

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 महाराष्ट्र के नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजीत पवार ने नए संसद भवन की तारीफ की। इसके साथ ही उन्होंने सांसदों को ‘आम लोगों’ के लिए काम करने की सलाह दी है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अजीत पवार ने 29 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन की प्रशंसा की और संसद सदस्यों (सांसदों) को देश के आम लोगों के लिए काम करने और उनके मुद्दों को हल करने का सुझाव दिया।

नये संसद भवन की क्षमता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहु-विश्वास प्रार्थना समारोह के बाद 28 मई को नए संसद भवन को देश को समर्पित किया। नए संसद भवन में लोकभा में 888 सदस्य एक साथ बैठ सकते हैं। संसद के वर्तमान भवन में लोक सभा में 543 तथा राज्य सभा में 250 सदस्यों के बैठने का प्रावधान है।

जनसंख्या के अनुसार भवन जरुरी थाः अजीत पवार
पुराने संसद भवन के बनने के समय की देश की जनसंख्या की तुलना देश की मौजूदा आबादी से करते हुए पवार ने कहा कि बढ़ती आबादी के साथ लोगों का प्रतिनिधित्व भी बढ़ेगा और उन्हें निजी तौर पर लगता है कि इस नए भवन की जरूरत है। अजीत पवार ने कहा,”राष्ट्र की जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए जब संसद का पुराना भवन बनाया गया था, हम भारत में 35 करोड़ लोग थे और अब हम 135 करोड़ हैं। भविष्य में भी लोगों का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा, इसे देखते हुए मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि इस नई इमारत की जरूरत थी।”

रिकॉर्ड समय में भवन बनने की प्रशंसा
अजित पवार ने भी भवन निर्माण की गति की तारीफ करते हुए कहा, ”इमारत रिकॉर्ड समय में बनी है। कोविड के समय में भी निर्माण कार्य चल रहा था और आखिरकार हमें एक अच्छा संसद भवन मिल गया है। अब इस नए भवन में सभी लोग संविधान के अनुसार काम करें और आम लोगों के मुद्दों को हल करें, इसमें सभी को हिस्सा लेना चाहिए।”

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शरद पवार ने की थी आलोचना
बता दें कि इससे पहले पार्टी प्रमुख शरद पवार ने नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह में 20 से भी अधिक पार्टियों के बहिष्कार करने को सही कदम बताया था। उन्होंने कहा था कि अच्छा हुआ कि वे इस कार्यक्रम में नहीं गए। इसके साथ ही पवार ने भवन के उद्घटान के समय पूजा और हवन किए जाने पर भी सवाल उठाए थे।

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