… इसलिए खत्म नहीं होगा किसान आंदोलन!

9 दिसंबर को किसानों ने केंद्र सरकार के कानून के संशोधित ड्राफ्ट प्रस्ताव को अस्वीकार कर आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया। दूसरी तरफ सरकार ने भी कानून को वापस लेने की किसानों की मांग को नामंजूर कर दिया। इसके बाद आंदोलन आर-पार की लड़ाई में बदल गया है।

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नये कृषि कानून पर केंद्र और किसानों के बीच जोर आजमाइश जारी है। 9 दिसंबर को किसानों ने केंद्र सरकार के कानून के संशोधित ड्राफ्ट प्रस्ताव को अस्वीकार कर आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया। दूसरी तरफ सरकार ने भी कानून को वापस लेने की किसानों की मांग को नामंजूर कर दिया। इसके बाद आंदोलन आर-पार की लड़ाई में बदल गया है।

हम यहां पंजाब के उन किसान संगठनों के बारे में बता रहे हैं, जिनकी वजह से यह आंदोलन खत्म होता नहीं दिख रहा है। इन्होंने कड़ाके की इस सर्दी में भी किसानों को डटे रहने का हौसला दिया है।

बीकेयू एकता उग्राहन
सदस्यों की संख्या के हिसाब से यह पंजाब के सबसे बड़ा किसान संगठन है। 12 जिलों में इसकी शाखाएं हैं। उनमें मालवा इनका गढ़ कहा जाता है। इसके अध्यक्षव जोगिंदर सिंह उग्राहन हैं। जोगिंदर सिंह उन नेताओं में शामिल हैं, जिन्हें हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कॉल किया था।

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बीकेयू एकता डकोंडा
बीकेयू एकता डकोंडा किसान का नेतृत्व कर रहा है। पंजाब के मालवा इलाके के बरनाला बठिंडा और मंसा जिलों में इस संगठन से लोग बड़ी संख्या में जुड़े हैं। इसके वर्तमान अध्यक्ष बूटा सिंह बुर्जगिल हैं।

बीकेयू लखोवाल
यह पंजाब के सबसे पुराने संगठनों में से एक है। इसका प्रभाव मालवा क्षेत्र के बाहर ज्यादा है। लेकिन लुधियाना में इसका बहुत ज्यादा प्रभाव है। इसके अध्यक्ष अजमेर सिंह लाखोवाल अकाली दल-बीजेपी सरकार के कार्यकाल में पंजाब एग्री मार्केटिंग बोर्ड के अध्यक्ष थे। उनके बेटे हरिंदर सिंह लाखोवाल इन दिनों आंदोलन में काफी महत्वपूर्ण रोल निभा रहे हैं।

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बीकेयू राजेवाल
इस संगठन के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल हैं। इनकी किसानों पर अच्छी पकड़ है। बीकेयू राजेवाल कभी चर्चित किसान संगठन हुआ करता था। लेकिन नए संगठनों की वजह से इसका महत्व कम हो गया है।

बीकेयू सिधुपुर
इस संगठन के अध्यक्ष जगजीत सिंह दल्लेवाल हैं। यह मालवा क्षेत्र का संगठन है। इसका कॉटन बेल्ट जैसे बठिंडा, मुक्तसर और मंसा में अच्छी पकड़ है।

क्रांतिकारी किसान यूनियन
इस किसान संगठन के अध्यक्ष दर्शन पाल है। क्रांतिकारी किसान यूनियन इस आंदोलन में काफी सक्रिय है। संगठन के अध्यक्ष किसान संगठनों की तरफ से बात रकनेवालों में से एक मुख्य किसान हैं।

क्रांतिकारी किसान यूनियन( सुरजीत सिंह फूल)
यह बाठिंडा के रामपुर फूला इलाके का महत्वपूर्ण संगठन है। इसका प्रभाल मालवा तक है।

किसान मजदूर संघर्ष कमिटी
इस संगठन के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू हैं। यह मुख्य रुप से माझा क्षेत्र में प्रभावशाली है। अमृतसर और तरणताल जिले में भी इसके प्रतिनिधि बड़ी संख्या में हैं।

किसान संघर्ष कमिटी पंजाब
इस किसान संगठन के अध्यक्ष कंवलजीस सिंह पन्नू हैं। वर्ष 2000 में गठित इस संगठन का आंदोलन में अहम रोल है। कम ही समय में इस संगठन ने किसानों के बीच अच्छी पहचान बनाई है।

पंजाब किसान यूनियन
इस संगठन के अध्यक्ष रुल्दु सिंह मंसा हैं। यह संगठन पिछले 40 सालों से किसानों से संबंधित मुद्दे उठाते रहा है। इसका प्रभाव मंसा तक ही सीमित है, लेकिन कृषि आंदोलन में सक्रिय भूमिका के कारण इसका प्रभाव काफी बढ़ा है। सीपीआई लिब्रेशन से भी इनकी करीबी बताई जाती है। इन्होंने प्रारंभ में अमित शाह से मिलने से मना कर दिया था।

बीकेयू कादियां
इस संगठन के अध्यक्ष हरमीत सिंह कादियां हैं। ये युवा चेहरों में से एक हैं। यह संगठन 15 साल से किसानों के बीच अपनी जड़ें मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।

बीकेयू मंसा
इस संगठ के अध्यक्ष बोग सिंह मंसा है। बीकेयू मंसा किसान आंदोलन से जुड़ा नया संगठन है। लेकिन काफी प्रभावशाली है। इसमें ज्यादातर वो किसान नेता शामिल हैं, जो किसी अन्य संगठन का हिस्सा रह चुके हैं।

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