सियासत के मौसम विज्ञानी थे रामविलास

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केंद्रीय मंत्री और दलित नेता रामविलास पासवान का गुरुवार को निधन हो गया। वे 74 वर्ष के थे। वे काफी समय से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज दिल्ली के एक निजी अस्पताल में चल रहा था। उनके पुत्र और लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने गुरुवार को ट्विवटर पर अपने पिता के निधन की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, “आई मिस यू पापा”। यह खबर मिलते ही देश और विशेषकर दलित समाज में शोक की लहर फैल गई।सभी पार्टी के नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख की इस घड़ी में चिराग पासवान के कंधे पर हाथ रखकर उन्हें ढाढ़स बंधाते हुए शोक व्यक्त किया। राजनीति के मौसम वैज्ञानिक के नाम से मशहूर रामविलास पासवान 1998 से 2014 तक की सभी पार्टियों की सरकार में केंद्रीय मंत्री रहकर एक मिसाल कायम की। इसके साथ ही वे छह प्रधान मंत्री के कार्यकाल में मंत्री पद पर रहनेवाले भी देश के पहले राजनीतिज्ञ हैं। मृदुभाषी और सबसे मधुर संबंध रखनेवाले रामविलास पासवान जितनी खूबियां बहुत ही कम राजनीतिज्ञों में मिलती हैं।

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